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केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के सामने प्रदर्शन किया

सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने राज्यपाल खान पर कई महीने पहले राज्य विधानसभा द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का भी आरोप लगाया। 
Arif Mohammed Khan

तिरुवनंतपुरम: केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने राज्य में विकास और प्रगति में बाधा डालने वाली केंद्र की नीतियों के खिलाफ यहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आधिकारिक निवास राजभवन के सामने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया।

सत्तारूढ़ वाम मोर्चे ने राज्यपाल खान पर कई महीने पहले राज्य विधानसभा द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का भी आरोप लगाया। 

एलडीएफ के संयोजक ईपी जयराजन ने कहा कि एक ओर तो केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार केरल को वित्तीय रूप से सीमित कर रही है जबकि बहुत चर्चा और बहस के बाद विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को खान भाजपा की नीति के तहत रोके हुए हैं।

जयराजन ने विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को भी नहीं बख्शा और राज्य में सरकार द्वारा शुरू की गई विकास गतिविधियों का कथित तौर पर समर्थन नहीं करने का उस पर आरोप लगाया।

उन्होंने यूडीएफ पर राज्य में विकास को बाधित करने के लिए सक्रिय रूप से काम करने का आरोप लगाया। 

जयराजन ने कहा, “ यहां की एलडीएफ सरकार हमेशा राज्य में लोगों के कल्याण और इसकी प्रगति के लिए काम करती रही है। ” 

उन्होंने आरोप लगाया, “ वामपंथी सरकार के प्रयासों से राज्य में हुई प्रगति से भाजपा और यूडीएफ भयभीत है और दोनों को कुछ मुद्दों पर एक साथ आते देखा गया है। इन दोनों ने केरल में प्रगति और विकास का विरोध करने के लिए एक ही रुख अपना लिया है।” 

इसके बाद सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरे।

एलडीएफ के राज्य के नेताओं और तिरुवनंतपुरम जिले के जन प्रतिनिधियों ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

जयराजन ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन का परिचालन और राज्य में विझिंजम समुद्री बंदरगाह का निर्माण एलडीएफ सरकार के प्रयासों की वजह से मुमकिन हुआ है। 

जयराजन ने कई विधेयकों को रोके रखने के खान के कदम पर सवाल उठाया और इसे अलोकतांत्रिक बताया। इनमें लोकायुक्त संशोधन विधेयक, दो अलग-अलग विश्वविद्यालय विधि संशोधन विधेयक और कई अन्य विधेयक शामिल हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ''राज्यपाल भाजपा शासित केंद्र की नीतियों के अनुरूप कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे है।''

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