सरकार भले ही अर्थव्यवस्था बढ़ने का दावा करे, पर अच्छे दिन दस प्रतिशत लोगों के ही आए : गोगोई
कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार भले ही देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने के दावे करती हो, लेकिन अच्छे दिन करीब दस प्रतिशत बड़े पूंजीपतियों के ही आए हैं और करोड़ों लोग आज भी सरकार के मुफ्त राशन पर निर्भर हैं।
कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने लोकसभा में वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं की स्थिति में सरकार को सहयोगात्मक संघवाद का ध्यान रखते हुए सभी राज्यों को समानता के साथ सहायता देनी चाहिए।
गोगोई ने कहा कि कुछ दिन पहले जारी दूसरी तिमाही की जीडीपी के आंकड़ों में कृषि क्षेत्र के बजट में कटौती और मनरेगा के लिए अतिरिक्त राशि की मांग नहीं करने संबंधी चिंताजनक बातें सामने आई हैं।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आश्वासन के बाद भी सरकार ने 2021 की जनगणना के आंकड़े अब तक जारी नहीं किए हैं जबकि कोरोना महामारी को समाप्त हुए दो वर्ष हो चुके हैं।
गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार बताए कि 2021 की जनगणना के आंकड़े कब आएंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के शासन में देश में न किसानों की हालत सही है और ना ही जवानों के साथ न्याय हो रहा है।
गोगोई ने कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग से 41 मजदूरों को निकाल लिया गया, लेकिन सुरंग की दीवार क्यों गिर गई, इस बारे में क्या सरकार ने कोई जांच शुरू कराई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ तो रही है, लेकिन अच्छे दिन करीब दस प्रतिशत लोगों के ही आए हैं। यह सरकार आम उपभोक्ताओं के लिए काम नहीं कर पा रही, चंद कंपनियों के लिए काम कर रही है। आज भी देश में ज्यादातर लोग सरकार के मुफ्त अनाज पर निर्भर हैं। हमें तीसरी बड़ी अर्थव्यवसा होने का दावा करने के बाद भी करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन देना पड़ता है।’’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि जो निशुल्क खाद्यान्न आज देश के 80 करोड़ लोगों को दिया जा रहा है, वह कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय लागू खाद्य सुरक्षा कानून के तहत ही दिया जा रहा है।
गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार के और उसके मंत्रियों के दावों को यदि मान भी लें कि आज देश बहुत तरक्की कर रहा है, जीडीपी बढ़ गई है तो अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी होने के बाद भी देश में पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों नहीं घटे हैं। पूरी दुनिया में इनके दाम घट चुके हैं। हम पूरा लाभ उपभोक्ताओं को क्यों नहीं दे पा रहे।’’
उन्होंने कहा कि इसी तरह ‘यूपीआई’ और ‘आधार’ का ढांचा भी संप्रग के समय तैयार हो गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार कबूल करे कि देश की प्रगति में सारी सरकारों की भूमिका रही है। सरकार को देश के इतिहास को दोबारा लिखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और उसे अपने हिसाब से स्वरूप प्रदान नहीं करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को यह गारंटी देनी चाहिए कि जिस तरह इस साल की शुरुआत में दूध, टमाटर और अन्य वस्तुओं के दाम में महंगाई थी, वैसी मुद्रास्फीति की दर अगले वर्ष नहीं रहेगी।
गोगोई ने यह भी कहा कि देश में युवा आबादी बढ़ रही है, लेकिन उन्हें आज की जरूरतों के हिसाब से शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है।
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