तिरछी नज़र: सरकार जी की 'पेपर लीक स्कीम'
कार्टून- कप्तान। सोशल मीडिया से साभार
सरकार जी का तीसरा टर्म शुरू हो चुका है। जब चार जून को इधर चुनाव परिणाम घोषित हो रहे थे तब उधर साथ ही एक और परिणाम घोषित हो रहे थे। नीट की परीक्षा के परिणाम। पहले परिणाम में धांधली हुई या नहीं भगवान जाने, पर दूसरे में तो धांधली हुई ही, और शर्तिया हुई।
देश का पैसा सरकार जी के पास ही रहे इसके लिए सरकार जी ने एक स्कीम निकाली है। वह स्कीम है, 'पेपर लीक स्कीम'। जब कभी भी किसी नौकरी के इम्तिहान का पेपर लीक होता है तो देश का कितना पैसा बचता है? सोचो जरा! जरा सा पेपर लीक होने से नियुक्तियां दो तीन साल के लिए टल जाती हैं और सरकार हजारों लोगों को दो तीन साल का वेतन देने से बच जाती है। सरकार दो तीन साल बाद फिर नियुक्तियां निकलती है। कुछ सौ पदों के लिए भी लाखों लोग अप्लाई करते हैं। फॉर्म भरते हैं। फॉर्म के साथ फीस जमा करते हैं। एग्जाम के दिन रेलों में ठूंस कर, बसों की छतों पर भरकर, परीक्षा केंद्र जाते हैं। कुछ लोग जो दूर से आते हैं, होटल में भी ठहरते हैं। जरा सोचो, इस सबसे सरकार कितना कमाती है। जीएसटी के कलेक्शन में कितनी बढ़त हो जाती है। और फिर पेपर लीक हो जाता है, वही पेपर लीक। है ना, सरकार जी की बढ़िया 'पेपर लीक स्कीम'। सरकार जी की यह पेपर लीक स्कीम अभी तक नौकरियों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं में ही लागू थी।
अब सरकार जी ने 'पेपर लीक स्कीम' की नौकरी की परीक्षाओं में सफलता से उत्साहित हो अपनी इस अनुपम स्कीम को छात्रों की परीक्षाओं में भी लागू करने की सोची है। तो शुरुआत की नीट की परीक्षा से। हां, उसी इम्तिहान से जिसे दे कर छात्र डाक्टरी की पढ़ाई के लिए चुने जाते हैं। तो इस साल से लागू कर दी गई नीट के एग्जाम में भी 'पेपर लीक स्कीम'। नीट में भी इस स्कीम को लागू करने का प्लान सरकार जी के दूसरे टर्म में ही बन गया था। इसलिए आम चुनाव के साथ साथ सरकार जी की 'पेपर लीक स्कीम' भी चलती रहीं। और रिजल्ट भी आया ठीक आम चुनाव के रिजल्ट के दिन, चार जून को। सब कुछ चुनाव के साथ साथ ही हुआ। और यह सब हुआ नीट के एग्जाम में। बस जो नया हुआ वह यह हुआ कि भंडाफोड़ तीसरे कार्यकाल में हुआ। तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में हुआ।
अब आप खुद सोचो, एक डॉक्टर की पढ़ाई पर सरकार का कितना रुपया खर्च होता है। यही कोई पैंतीस-चालीस लाख रुपये प्रति छात्र। और देश में डाक्टरी की सीट कितनी हैं। एक लाख दस हज़ार से ऊपर। अब एक साल 'पेपर लीक स्कीम' की वजह से, जैसे नौकरी में एक भी सीट नहीं भरती, अगर देश में डॉक्टरी की सीटें न भरें तो देश का कितना रुपया बचेगा। सरकार जी के पास कितना रुपया होगा। खूब सारा, हैं ना! अगर मेरा हिसाब ठीक है तो शायद रुपये में चार सौ बिलियन से ज्यादा। और उस पैसे से सरकार जी सड़क बनवाएंगे, एक्सप्रेस वे बनवाएंगे। और जिस देश में रिक्शा चलाने वाला भी, साइकिल पर चलने वाला बेरोजगार भी एक्सप्रेस वे के नाम पर वोट देता है, तो बताइये, वहां कितना लाभ होगा?
इस नीट की परीक्षा में एक और स्कीम उभर कर आई। अगर किसी एक परीक्षा केंद्र को सुविधा सम्पन्न बना दिया जाये, वहां परीक्षार्थिओं को 'सारी की सारी सुविधाएं' दी जाएं तो। तो वहां परीक्षा देने वाले खिंचे चले आएंगे। दूर दूर से खिंचे आएंगे। हज़ार, दो हज़ार किलोमीटर दूर से भी चले आएंगे। अपने घर से दो चार किलोमीटर दूर स्थित सेंटर को छोड़, हज़ार, दो हज़ार किलोमीटर दूर चले आएंगे। जो माता-पिता अपने बच्चे को चार किलोमीटर दूर भी परीक्षा दिलवाने ले जाते हैं, हज़ार किलोमीटर दूर अकेले थोड़ी ना भेजेंगे। सपरिवार जायेंगे। होटल में टहरेंगे। परीक्षा के बाद आसपास के दर्शनीय स्थल देखेंगे। ऐसे 'सुविधा संपन्न परीक्षा केंद्र' को दर्शनीय स्थल का और शहर को देश के टूरिज्म मैप पर स्थान मिलेगा। अभी, इस बार तो एक दो ही ऐसे केंद्र बने हैं। एक तो 'मॉडल स्टेट' में भी बना है। आगे से ऐसे अधिक केंद्र बनाये जायेंगे। सरकार जी का प्लान होना चाहिए कि देश में कुल टूरिज्म की आय का दस पंद्रह प्रीतिशत तो ऐसे 'सुविधा सम्पन्न परीक्षा केंद्रों' से ही निकले।
इस बार 'पेपर लीक स्कीम' के साथ साथ एक और नई स्कीम लागू की गई थी। वह स्कीम है, 'ग्रेस मार्क्स स्कीम'। इस बार तो यह इस पात्रता से दी गई कि परीक्षा के लिए समय कम मिला पर आगे से पात्रता कुछ अलग हो सकती हैं। जैसे कि आरएसएस या फिर एबीवीपी से संलग्नता। इन की मेम्बरशिप। या फिर पात्रता यह भी हो सकती है कि सरकार जी की महानता बताते हुए कम से कम दस सोशल मीडिया पोस्ट पोस्ट की हों। 'ग्रेस मार्क्स स्कीम' के लिए भविष्य में ऐसी ही पात्रत्रा हो सकती है।
सरकार जी को अपनी इस पेपर लीक स्कीम से तो बहुत उम्मीदें हैं ही, इसके साथ शुरू की गईं 'सुविधा संपन्न परीक्षा केंद्र' और 'ग्रेस मार्क्स स्कीम' से भी बहुत सारी उम्मीदें हैं। यह सारी चीट इस बार नीट में ही लागू की गई है। इस बार सफल हुई तो आगे इसे जेईई और सीयूईटी में भी लागू की जाएंगी। ये भी तो आखिर अब सरकार जी की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा लिए जाते हैं।
छप पाता इससे पहले : यह व्यंग लेख छप पाता इससे पहले ही नेट की परीक्षा भी 'पेपर लीक स्कीम' के तहत रद्द हो गई। बहुत ही अच्छा हुआ। भविष्य में पढ़ाने वालों और परीक्षा लेने वालों को भी 'पेपर लीक स्कीम' का प्रत्यक्ष अनुभव मिल गया है। बताया जा रहा है कि सीएसआईआर-नेट की परीक्षा भी स्थगित हो गई है और सीयूईटी का परिणाम भी तय समय पर नहीं आएगा। क्या करें, सरकार जी को और सरकार जी द्वारा स्थापित एनटीए को इस पेपर लीक स्कीम को सभी परीक्षाओं में लागू करने की बहुत ही जल्दी है।
(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)
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