यूपीः आर्थिक संकट से जूझ रहे आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों का वेतन की मांग को लेकर धरना
उत्तर प्रदेश के ललितपुर नगर पालिका के आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों के वेतन भुगतान को लेकर जारी हड़ताल एक सप्ताह बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। ये सफाईकर्मी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इसके चलते वे अपने परिवार का ज़रूरी ख़र्च नहीं जुटा पा रहे हैं।
स्थानीय विधायक और नेता इन कर्मियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए मंगलवार को धरनास्थल पर पहुंचे और जल्द ही वेतन भुगतान का आश्वासन दिया लेकिन कर्मियों ने वेतन भुगतान के बाद ही धरना-प्रदर्शन समाप्त करने की बात कही है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक़ शहर में सफाई व्यवस्था का ज़िम्मा संभाल रहे आउटसोर्सिंग कर्मी वेतन के अभाव में आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। कई बार मांग करने के बाद भी ज़िम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। परिवार के ख़र्च पूरा न कर पाने की स्थिति में सफाई कर्मी हड़ताल करने पर मजबूर हो गए। अब त्योहार का मौसम भी सिर पर आ गया है। ऐसे में इन कर्मियों के सामने बड़ी आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है।
नगर पालिका के आउटसोर्सिंग कर्मियों की हड़ताल को एक सप्ताह बीतने के बाद भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। यहां पर विभिन्न संगठन व राजनीतिक दल शामिल हुए। लेकिन इसके बाद भी वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। कर्मियों का कहना है कि पालिका में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। किसी भी विपरीत परिस्थितियों में बिना डगमगाए कार्य किया है। लेकिन वेतन भुगतान की बारी आई तो विभागीय अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि जल्द ही टेंडर कराया जाए। इसके पहले शेष पड़े मानदेय का भुगतान किया जाए।
नगर पालिका आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष करौसिया न कहा कि हम सभी कर्मियों को वेतन भुगतान को लेकर कई बार आश्वासन दिए गए हैं, लेकिन अब वेतन का भुगतान न होने तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। जल्द ही वेतन का भुगतान कराया जाए।
वहीं कुंज बिहारी बाबरा सफाई कर्मी ने कहा कि हम सभी कर्मियों ने ईमानदारी व लगन से शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखा है। लेकिन वेतन भुगतान में परेशान किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया कराई जाए और वेतन दिया जाए।
बता दें कि पिछले महीने ललितपुर जिले में एक सफाईकर्मी ने दस महीने से वेतन न मिलने से परेशान होकर पंचायती राज कार्यालय में अपने ऊपर डीजल डालकर आग लगाने की कोशिश की थी। लोगों ने उन्हें पकड़ लिया था जिससे उनकी जान बच गई थी।
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