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वेनेज़ुएला ने ह्यूगो शावेज़ के ख़िलाफ़ असफल तख़्तापलट की 20वीं वर्षगांठ मनाई

विफल तख्तापलट 21वीं शताब्दी में अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ वेनेजुएला के लोगों की पहली जीत थी। इसने अमेरिकी हमलों के खिलाफ वेनेजुएला के प्रतिरोध की शुरुआत की, जो आज तक जारी है।
Nicolas
वेनेजुएला के सैकड़ों-हजारों लोगों ने राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज़ के खिलाफ 13 अप्रैल 2002 को अमेरिका समर्थित तख्तापलट की नाकामयाबी और जनता की जीत की 20वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने कराकस की सड़कों पर उतर आए। फोटो: पीएसयूवी/ट्विटर

13 अप्रैल,2022 को, उस ऐतिहासिक वाकयात की 20वीं वर्षगांठ मनाई गई, जब वेनेजुएला के लोगों ने लोकतांत्रिक रूप से चुने गए समाजवादी राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज़ के खिलाफ अमेरिका समर्थित दक्षिणपंथी की तरफ से किए गए तख्तापलट को महज दो दिनों से भी कम के रिकॉर्ड समय में फेल कर दिया।

पिछले बुधवार को, वेनेजुएला के सैकड़ों हजारों लोग राजधानी कराकस की सड़कों पर उसी तख्तापलट की विफलता और जन प्रतिरोध की सफलता की 20वीं वर्षगांठ मनाने सड़कों पर उतर पड़े। आज से बीस साल पहले नागरिकों की भारी तादाद, राजनीतिक संगठनों के कर्ता-धर्ता, सामाजिक आंदोलनों में शामिल लोग और ट्रेड यूनियनों के सदस्य कराकस के विभिन्न हिस्सों में एकत्र हुए और तख्तापलट की साजिश रचने वाले नागरिक-सैन्य विद्रोह को विफल करने के लिए राष्ट्रपति के महल मिरफ्लोरेस तक मार्च किया, अपने प्रिय कमांडर ह्यूगो शावेज़ को बचा लिया और देश में संवैधानिक व्यवस्था फिर से बहाल कर दी। 

शावेज़ के उत्तराधिकारी तथा वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रैली के दौरान विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि 2002 के तख्तापलट को कामयाब न होने देने और देश में लोकतंत्र की फिर से स्थापना की कुंजी थी- नागरिक-सैन्य की एकजुटता। मादुरो ने कहा, "अप्रैल 13 (2002) को इस एकीकृत मातृभूमि ने उस जन क्रांति में शावेज़ को बचा लिया।”

 राष्ट्रपति ने वेनेजुएला के लोगों की क्रांतिकारी क्षमता और उनके अदम्य साहस पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि वे इन गुणों के चलते ही अपने लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्रांति के “एक नए इतिहास के नायक” बन गए हैं।

इसी तरह, राष्ट्रपति ने सभी वेनेजुएलावासियों से "आह्वान किया कि वे देश को आर्थिक समृद्धि की तरफ निरंतर अग्रसर करने और हमारे लोगों को सामाजिक खुशी दिलाने के सरकार के प्रयास में, उसके काम में भरोसा रखें। अपने देश पर विश्वास करें।"

वेनेजुएला की सत्तारूढ़ यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी (पीएसयूवी) के पहले वाइस प्रेसिडेंट डिओस्डाडो कैबेलो ने भी अपने भाषण में 2002 के तख्तापलट को विफल करने और बोलिवियाई क्रांति को मजबूत करने में वेनेजुएला के लोगों और सशस्त्र बलों के बीच एकता के महत्त्व पर प्रकाश डाला। कैबेलो ने कहा, "उन घटनाओं ने लोकप्रिय चेतना को जागृत करने और लोगों और सशस्त्र बलों के बीच गठबंधन को आकार लेने का मार्ग प्रशस्त किया।"

2002 में क्या हुआ था?

11 अप्रैल 2002 को, नागरिकों के एक समूह एवं वेनेजुएला सशस्त्र बलों के एक छोटे से हिस्से ने विपक्षी दलों, कुलीन वर्ग, चर्च तथा निजी मीडिया के समर्थन से शावेज़ के तख्तापलट की साजिश रची थी। इसके लिए विपक्ष 9 अप्रैल से ही, अपने समर्थकों को लामबंद कर रहा था और उनके हिंसक आंदोलनों का समर्थन कर रहा था। 11 अप्रैल को, उन्होंने मीराफ्लोरेस महल को घेर लिया और शावेज़ समर्थकों की एक सभा पर हमला कर दिया था। इस बीच, ललगुनो ओवरपास पर गोलीबारी शुरू कर दी गई, जिसमें 19 नागरिक मारे गए और 100 लोग घायल हो गए। निजी मीडिया संगठनों ने इसके लिए ह्यूगो शावेज़ को दोषी ठहराया। बहरहाल, बाद में अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) और पेंटागन के दस्तावेजों से पता चला कि इसकी बाकायदा साजिश रची गई थी और व्हाइट हाउस को इसकी पूर्व जानकारी थी।

तख्तापलट का समर्थन करने वाले सैनिकों ने इसी अराजकता के दौरान शावेज़ को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें बंधक बना लिया। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अंतरराष्ट्रीय और साम्राज्यवादी शक्तियों के समर्थन के बलबूते पर तख्तापलट करने वालों ने देश में एक डिफैक्टो सरकार का गठन करने के प्रयास में, पेड्रो कारमोना को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में घोषित कर दिया था, जो मूलतः एक कारोबारी थे और चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष थे। कारमोना ने फिर नेशनल असेंबली और सुप्रीम कोर्ट को भंग कर दिया, संवैधानिक अधिकारों को निलंबित कर दिया, देश के नए अपनाए गए समावेशी और सामाजिक 1999 संविधान को शून्य घोषित कर दिया, और इस तरह कठोर दमनचक्र की शुरुआत की।

फिर भी, वेनेजुएला के प्रतिबद्ध लोग इस तख्तापलट को खारिज करने और इसके साजिशकर्ताओं के हथियारों को चुनौती देते हुए अपने क्रांतिकारी नेता शावेज़ का बचाव करने के लिए सड़कों पर उतर आए। शावेज़ के समर्थकों और उनके प्रति वफादार सैनिकों ने राष्ट्रपति महल को घेर लिया, टेलीविजन स्टेशनों पर कब्जा कर लिया और शावेज़ की हुकूमत की वापसी की मांग की। केवल 47 घंटों में, वे अस्थिरता लाने के दक्षिणपंथी प्रयासों को बेअसर करते हुए देश में लोकतंत्र को बहाल करने में सफल रहे। 13 अप्रैल की रात को, कारमोना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा, और जय जयकार करती भीड़ से घिरे शावेज़ मिराफ्लोरेस में लौट आए।

इस तरह नाकामयाब तख्तापलट 21वीं शताब्दी में अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ वेनेजुएला के लोगों की पहली जीत थी। इसने अमेरिकी हमलों के खिलाफ वेनेजुएला के प्रतिरोध की शुरुआत की, जो आज तक जारी है। पिछले 20 वर्षों से, वेनेजुएला शावेज़ की बोलीवियाई क्रांति का बचाव कर रहा है, जो अमेरिका के क्रूर वाणिज्यिक, आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंधों के दुष्प्रभाव का सामना कर रहा है।

"हर 11 का अपना 13 है" वह मुहावरा है, जिसके साथ यह तथ्य और अन्य हमले जुड़े हैं कि जिन्हें वेनेजुएला बोलिवेरियाई गणराज्य पिछले दो दशकों से परास्त करने या उन्हें चकमा देने में कामयाब रहा है और वह हर साल इस तारीख को याद करता है।

फासीवाद के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन

तख्तापलट की 20वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए, वेनेजुएला ने फासीवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (11 से 13 अप्रैल तक) की मेजबानी की। इस सम्मेलन में 53 देशों के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वेनेजुएला के विदेश मंत्री फेलिक्स प्लासेंसिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य "न केवल 2002के फासीवादी तख्तापलट के खिलाफ वेनेजुएला के लोगों के प्रतिरोध को याद रखना था, बल्कि दुनिया में कहीं भी फासीवादी ताकतों के खिलाफ प्रतिरोधों में शामिल होना था।" प्लासेंसिया ने बताया कि तीन दिवसीय बैठक के दौरान, दुनिया भर के राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने कम्युनिकेशन के नए रूपों के बारे में बात की और संघर्ष और लोकप्रिय प्रतिरोध के अपने अनुभवों को साझा किया।

12 अप्रैल को, राष्ट्रपति मादुरो भी इस बैठक में शामिल हुए और बताया कि कैसे वेनेजुएला के लोकप्रिय आउटलेट बोलिवियाई क्रांति के खिलाफ पश्चिमी मीडिया के संचार आधिपत्य को तोड़ने का काम किया। उन्होंने बताया, "हमारे सार्वजनिक आउटलेट वेनेजुएला के लोगों के सभी अधिकारों, विशेष रूप से सामाजिक समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना से ऊपर की रक्षा करते हैं।"

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि वेनेजुएला के लोग और उनका प्रशासन शावेज़ की विरासत की हिफाजत करना जारी रखे हुए हैं। "हमें एक अच्छी तरह से सूचित नागरिक और एक लोकप्रिय सरकार की क्षमताओं में विश्वास और आस्था होनी चाहिए। अगर हम अपने लोगों को संगठित करना और उनका मार्गदर्शन करना जारी रखते हैं, तो हम अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे," उन्होंने रेखांकित किया।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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