ग्राउंड रिपोर्ट: बीजेपी के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा, पहलवानों का पूरा समर्थन; जानिए फोगाट बहनों के गांव बलाली का माहौल
सोमवार, 5 जून के दिन एक तरफ़ मेनस्ट्रीम मीडिया में पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर फेक न्यूज़ चलाई जा रही थी, दूसरी तरफ़ बलाली गांव के वो लोग थे जो अपने गांव की बेटी विनेश और संगीता फोगाट के लिए अपना समर्थन खुल कर ज़ाहिर कर रहे थे। हरियाणा के चरखी दादरी ज़िले में है बलाली गांव जिसकी एंट्री गेट पर लिखा है— 'अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान के गांव में आपका स्वागत है', यही है बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही विनेश और संगीता फोगाट का गांव। यही है महावीर सिंह फोगाट, गीता-बबीता का गांव।
बलाली में 7 जून को एक पंचायत हो रही है जिसे इलाक़े की सांगवान खाप ने आयोजित किया है, इसमें खाप के नेता, किसान नेता, कर्मचारी संघ और नागरिक समाज के लोग शामिल हो रहे हैं।
इसी गांव में विनेश फोगाट का घर है जहां जाने पर हमारी मुलाक़ात उनकी माँ प्रेमलता से हुई। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए प्रेमलता ने बताया कि बृजभूषण के बारे में उन्होंने कई महिला पहलवानों से सुना था। उन्होंने कहा, "जब मैं लखनऊ गई थी विनेश के साथ तो कई लड़कियों ने मुझे बताया था कि बृजभूषण अच्छा आदमी नहीं है, अकेले कमरे में बुला लेना, नाम काटने की धमकी देना; ऐसी बातें मुझे वहाँ लड़कियों ने बताईं। मेरी बेटी और साक्षी, बजरंग, संगीता अपने लिए नहीं आगे आने वाली लड़कियों के लिए लड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी बृजभूषण पर कुछ नहीं बोलते और हमारे बच्चों पर डंडे चलवाते हैं।"
हम उस कमरे में मौजूद थे जहां विनेश की तमाम तस्वीरें, बचपन से लेकर गोल्ड जीतने तक की तस्वीरें टाँगी गई हैं। प्रेमलता को अपनी बेटी पर नाज़ है कि वह इस लड़ाई को लड़ रही हैं। बातों बातों में उन्होंने कहा, "इस्सी बेटी सबने जामे", यानी ऐसी बेटी सबके यहाँ पैदा हो।
हमारी मुलाक़ात गांव की महिलाओं से भी हुई जिन्होंने इन पहलवान बेटियों को हमेशा से ट्रेनिंग करते, और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचते देखा है। एक महिला ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "जिसने बुरा काम किया है उसको हटा नहीं रहे हैं और हमारी बेटियों को लाठीचार्ज कर रहे हैं।"
गांव में बीजेपी का पुरज़ोर विरोध
हरियाणा के इस गांव में बीजेपी विरोधी विचारधारा वाज़े तौर पर नज़र आ रही थी। हमने खाप के नेताओं से भी मुलाक़ात की जिन्होंने कहा कि वह बीजेपी वालों को गांव में घुसने नहीं देंगे। सांगवान खाप के सचिव नरसिंह सांगवान ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "हम पूरी तरह से पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं, हम 28 मई को भी जंतर मंतर पर शामिल होने के लिए गए थे वहाँ पुलिस ने किसी को गिरफ़्तार कर लिया किसी को रोक लिया किसी को गाड़ी में बैठा के दूर छोड़ आए। मैं यही कहना चाहता हूँ कि बेटी पूरा गांव और पूरा देश आपके साथ है।"
किसान आंदोलन की तरह इस आंदोलन में भी हर वर्ग और हर संगठन एक साथ आ कर आंदोलन को आगे ले जा रहे हैं।
सीआईटीयू की कमलेश ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "बृजभूषण को तो हम माफिया गुंडा कहेंगे। हम सरकार से यह कहना चाहते हैं कि या तो बृजभूषण को गिरफ्तार किया जाए वरना हमने कमर कस ली है और पूरे गांव और पूरे देश की महिलाएं एक साथ आएंगी और इस सरकार को मुंह छुपाने की जगह नहीं मिलेगी।"
खाप के नेताओं के जाति के सवाल पर कहा कि बीजेपी चाहती थी कि हरियाणा के लोगों को 35 बनाम 1 (जाट बनाम बाक़ी जातियाँ) की लड़ाई में बाँट दें लेकिन हम 36 बिरादरी एक साथ हैं और मिल कर पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं, पहलवान की कोई जाति नहीं होती वह सिर्फ पहलवान होता है।
कैसे बनता है कोई पहलवान?
हरियाणा में यह कहावत चलती है कि एक पहलवान को पालना हाथी पालने के बराबर है। अपने वक़्त में ख़ुद भी पहलवान रह चुके सूरजभान ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "हमें इतना बुरा महसूस हो रहा है कि पूछो मत। हम जानते हैं कि एक पहलवान बनाने के लिए एक परिवार को तन-मन-धन से पूरा घर गंवाना पड़ता है, ऐसी ही पहलवान नहीं बनता। पहलवान के पीछे पूरी ताकत, पूरा धन लगाना पड़ता है, मेहनत करनी पड़ती है कि आप सोच भी नहीं सकते। हम यह सब करके उस बच्चे को इतना आगे पहुंचाते हैं और उसके साथ ऐसी ज़्यादती होती है तो सभी को दर्द होता है।"
महावीर सिंह फोगाट ने गांव के पास ही एक स्कूल और स्पोर्ट्स अकादेमी बनाई है, जहां इंटर तक के बच्चे पढ़ाई भी करते हैं और पहलवानी के साथ साथ अन्य खेलों की ट्रेनिंग भी होती है। महावीर फोगाट की बेटियाँ गीता, बबीता, ऋतु और संगीता फोगाट हैं। वीणेश फोगाट महावीर के भाई की बेटी हैं जिन्हें बचपन से महावीर ने कुश्ती की ट्रेनिंग दी है। यहाँ समझने वाली बात यह है कि एक परिवार के होते हुए भी पहलवानों के प्रदर्शन पर सबके रुख अलग हैं। जहां विनेश और संगीता जनवरी से ही बृजभूषण के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही हैं, वहीं बीजेपी सदस्य बबीता फोगाट इस आंदोलन के ख़िलाफ़ हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के हवाले से वह इस आंदोलन में 'देश विरोधी' ताक़तों के शामिल होने की बात भी कह चुकी हैं। वहीं महावीर फोगाट भी खुले तौर पर पहलवानों का समर्थन करने देर से आगे आए हैं। जनवरी में हुए प्रदर्शन के दौरान वह सरकार से अपील कर रहे थे कि इसका हल निकाला जाए।
महावीर ने बताया कि जब उन्होंने शुरू किया था तब एक भी अखाड़ा महिला पहलवानों के लिए नहीं था, आज 200 अखाड़े पूरे हरियाणा में हैं। उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "जब 28 मई की घटना को हमने टीवी पर देखा तो सिर्फ़ पहलवानों के माँ बाप नहीं रोये बल्कि पूरा देश उनके साथ रोया था। मेरे पास युवा पहलवानों के माँ बाप आते हैं और कहते हैं कि बच्चों के साथ ग़लत हो रहा है तो उन्हें डर है कि उनके बच्चों के साथ भी ऐसा न हो। डबल्यूएफ़आई बड़ी गंदी जगह है।"
हमने अकादेमी के युवा पहलवानों से भी बात की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन की वजह से उनकी ट्रेनिंग पर भी असर पड़ रहा है क्योंकि पहले गीता-बबीता-विनेश आ कर उन्हें ट्रेनिंग देते थे लेकिन अब वह नहीं आ पा रहे हैं।
विनेश की माँ प्रेमलता ने बताया कि विनेश को कुश्ती का जुनून है। उन्होंने कहा, "विनेश कहती है कि मैं कुश्ती नहीं करूंगी तो क्या करूंगी। घर भी आती है तो अखाड़े में चली जाती है। उसे ओलंपिक में मेडल लाना है। पूरे गांव से अच्छे से बात करती है, सबकी बेटियाँ अच्छी हैं पर विनेश जैसी कोई नहीं है। यह तो भगवान का ही आशीर्वाद है जो वह हमारे यहाँ पैदा हुई है।"
इसे भी देखें : पहलवानों का आंदोलन : फोगाट सिस्टर्स के गाँव वालों ने क्या कहा?
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