मोदी सरकार का आख़िरी बजट या आख़िरी जुमला!
मोदी सरकार ने आज अपना आख़िरी बजट पेश कर दिया। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए ये अंतरिम बजट पेश किया। आमतौर पर इस बजट को मोदी सरकार का चुनावी बजट कहा जा रहा है। इस आख़िरी बजट को सरकार के आख़िरी जुमले के तौर पर भी देखा-समझा जा रहा है।
आइए जानते हैं कि आज के बजट में क्या खास है और उसकी हक़ीक़त क्या हैः
मध्यवर्ग को लुभाने की कोशिश
सरकार ने आयकर छूट की सीमा 5 लाख करने की घोषणा की है, हालांकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। और गुजरे चार सालों में कोई बड़ी राहत नहीं दी गई। पांचवे और चुनावी साल के अंतरिम बजट में इस तरह की छूट का ऐलान करना भी आर्थिक और राजनीतिक जानकारों को हैरान कर रहा है। इसे परंपरा के विपरीत बताया जा रहा है। अब तक 2.5 लाख तक की आय टैक्स फ्री थी। पीयूष गोयल ने 5 लाख तक छूट का ऐलान करते हुए कहा कि इस टैक्स छूट का लाभ 3 करोड़ मध्यवर्गीय करदाताओं को मिलेगा। हालांकि इसमें भी कई पेच हैं। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के प्रपोजल जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में आएंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। टैक्स रेट और लिमिट के प्रपोजल मेन बजट में तय होंगे। जनता का आशीर्वाद बना रहेगा, तो जुलाई 2019 में मोदी सरकार यह बजट लेकर आएगी।’ इसी वाक्य ने मोदी सरकार की मंशा को स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा 'जिनकी इनकम पांच लाख से ज्यादा है, उनके लिए जो पुराना टैक्स स्लैब है, उसे जारी रखा गया है। उसके ऊपर जब मेन बजट आएगा, तब विचार किया जाएगा। अभी के अंतरिम बजट में इसे शामिल नहीं किया गया है।’
इसके अलावा पिछले बजट में लाए गए स्टैंटर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने की घोषणा की गई। बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट डिपॉजिट पर 10 हजार की जगह अब 40 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री हो गया है।
आयकर में छूट की बात तो हुई लेकिन इस बजट भाषण में सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि बेरोज़गारों को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा गया। आपको बता दें कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) का एक नया आंकड़ा सामने आया है, जिसमें पता चला है कि पिछले 45 साल में बेरोज़गारी दर सबसे ज़्यादा है। यानी नौकरियां नहीं हैं। हालांकि इस आंकड़ें की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।
किसान-मज़दूर
किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य तक देने में नाकाम सरकार 50 फीसदी ज्यादा एमएसपी देने का वादा कर रही है, साथ ही 5 एकड़ वाले किसान परिवार को साल में 6 हज़ार रुपये देने की बात कही गई है।
पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा कि हमारी सरकार ने सभी 22 फसलों में लागत से 50 पर्सेंट ज्यादा एमएसपी दिया। उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों की आय और बढ़ाई जाएगी। 2 हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन वाले किसानों के खातें में हर साल 6 हजार रुपये जाएंगे। करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। इसे 1 दिसंबर 2018 से लागू किया जाएगा।
आपको यहां बता दें इसमें भूमिहीन किसानों का कोई ख़्याल नहीं रखा गया है। इसके अलावा तेलंगाना में रायतु बंधु योजना और ओडिशा में ‘कालिया’ योजना किसानों के लिए चल रही है, जो केंद्र की इस योजना से काफी बेहतर हैं। रायतु का अर्थ किसान होता है। इस योजना में हर सीजन में प्रति एक एकड़ पर किसान परिवार को चार-चार हज़ार यानी 8 हज़ार रुपये देने का प्रावधान था, जिसे अब बढ़ाकर 10 हज़ार कर दिया गया है। कालिया योजना में भी किसान परिवार को हर सीज़न यानी रबी और खरीफ के सीजन में 5-5 हजार रुपये यानी 10 हज़ार रुपये सालाना देने का प्रावधान है। इसमें भूमिहीन किसान भी शामिल हैं। भूमिहीन किसान को साढ़े 12 हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं।
ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाई
अंतरिम बजट में मज़दूरों के लिए ग्रेच्युटी सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। 21 हज़ार कमाने वालों को 7 हज़ार बोनस देने की बात कही जा रही है हालांकि ये सरकार अपने श्रमिकों को न्यूनतम वेतन 18 हज़ार तक भी नहीं दिला पा रही है और उसके लिए लगातार आंदोलन हो रहा है।
डिजिटल विलेज
इसके अलावा सरकार ने डिजिटल विलेज बनाने की भी घोषणा की। सरकार के मुताबिक पिछले पांच साल में डेटा इस्तेमाल 50 गुना बढ़ा है। बजट भाषण में कहा गया कि सरकार की योजना एक लाख डिजिटल विलेज बनाने की है। कहा जा रहा है कि इसमें चार या पांच गांवों में एक गांव को इंटरनेट से जोड़ दिया जाएगा।
ग्रामीण सड़कों के लिए 98 हजार करोड़
पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले पांच सालों में हमने गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं दी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ने इसमें काफी योगदान किया। गांव की सड़कों के लिए 98 हजार करोड़ रुपये इस साल दिए जाएंगे।
आयुष्मान भारत
पीयूष गोयल ने आयुष्मान योजना को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि पीएम ने दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर प्लान लॉन्च किया। अब तक 10 लाख बीमार लोगों को इलाज इससे हो चुका है। पीएम जन औषधि केंद्र में दवाइयां बहुत कम कीमतों में मिल रही हैं। हरियाणा में देश का 22वां एम्स खोला जाएगा।
बनेगा कामधेनु आयोग
सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का भी ऐलान किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “गौमाता के सम्मान और उनकी रक्षा के लिए सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी।”
इस योजना के लिए 750 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
एलईडी बल्ब को भी मोदी सरकार की उपलब्धि के तौर पर पेश किया गया। पीयूष गोयल ने बताया कि अब तक 1 लाख 43 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए।
बजट में महिलाओं के लिए क्या?
महिलाओं की बात आती है तो सिर्फ रसोई की बात की जाती है। इस बजट भाषण में भी महिलाओं के उत्थान की बात करते हुए उज्ज्वला गैस योजना का ब्योरा दिया गया। बताया गया कि उज्ज्वला योजना में 6 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए। सरकार 2 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन और देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 70 प्रतिशत मुद्रा लोन महिलाओं को मिले।
रेलवे
कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल जो पूर्णकालिक रेल मंत्री हैं ने बजट भाषण में कहा कि भारतीय रेल के लिए ये सबसे सुरक्षित साल रहा। देश में सभी ब्रॉडगेज लाइन से मानवरहित क्रॉसिंग खत्म कर दी गईं हैं। पहली बार वंदे मातरम सेमी हाई स्पीड ट्रेन भारत में बनी है। उन्होंने दावा कि हमने पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे का विस्तार किया।
हालांकि अभी एक आम यात्री के नज़रिये से रेलवे में कोई सुधार नहीं हुआ है। अभी तक न तो पर्याप्त ट्रेनें हैं और न ही ट्रेन समय से चलती हैं। कोहरे के समय में तो ट्रेनें 24-24 घंटे से भी ज़्यादा की देरी से चलती हैं या फिर रद्द ही हो जाती हैं।
हाईस्पीड ट्रेन के दावों के बीच अभी दिसंबर में भारतीय रेलवे ने उत्तर मध्य रेल लाइन की लगभग 20 ट्रेनें कोहरे के कारण दो महीने के लिए रद्द कर दीं थी। इसके साथ ही कई ट्रेनों के फेरे भी घटाए गए। इनमें अधिकतर ट्रेन उत्तर प्रदेश और बिहार से दिल्ली और पंजाब जाने वाली हैं। ट्रेनों के रद्द करने की यह प्रक्रिया 13 दिसंबर से प्रभावी हुई और 15 फरवरी 2019 तक जारी रहेगी।
इसके अलावा रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक़ 1 अप्रैल 2017 और 16 अगस्त, 2017 के बीच ट्रेन दुर्घटनाओं के 20 मामले सामने आए थे, वहीं इसी अवधि 1 अप्रैल से 16 अगस्त 2018 में ट्रेन पलटने की 22 घटनाएं हुईं।
रक्षा बजट 3 लाख करोड़
बजट भाषण में कहा गया कि हमारे सैनिक हमारा सम्मान हैं। हमने ओआरओपी का वादा पूरा किया। वन रैंक वन पेंशन के लिए हमने 35 हजार करोड़ रुपये दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पहली बार रक्षा बजट बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये किया गया। हमारे सैनिकों के लिए और फंड की जरूरत होगी तो सरकार उसकी व्यवस्था भी करेगी।
हालांकि अभी रफ़ाल घोटाले ने सरकार का पीछा नहीं छोड़ा है और इसमें रोज़ नये खुलासे हो रहे हैं।
बजट भाषण में पीयूष गोयल ने दावा किया “मैं भरोसे से कह सकता हूं कि भारत बेहद मजबूती से ट्रैक पर वापस आ गया है। देश तरक्की और सम्पन्नता के रास्ते पर चल पड़ा है। हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी है।”
कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी है...ये एक अच्छा संवाद है, लेकिन तथ्य इसकी गवाही नहीं देते। इसी तरह भारत तरक्की और सम्पन्नता के रास्ते पर चल पड़ा है, इसकी हकीकत हर व्यक्ति खुद समझ सकता है। इसी को लेकर बहुत लोगों ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य किया कि मोदी जी ने दो ही ऐतिहासिक योजनाएं दी हैं- एक- युवाओं के लिए पकौड़ा योजना और दूसरी अरबपतियों के लिए भगौड़ा योजना।
सीएमआईई का अनुमान है कि दिसंबर 2018 के अंत तक भारत में बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 6.9 करोड़ हो गई है, जबकि कार्य सहभागिता दर घटकर महज 42.5 प्रतिशत रह गई।
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इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त ऋण लगभग 74,000 रुपये प्रति व्यक्ति है जबकि बैंकों के लिहाज से व्यक्तिगत ऋण 15,486 रुपये प्रति व्यक्ति है।
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बजट भाषण के अंत में पीयूष गोयल ने एक कविता की एक पंक्ति भी दोहराई- ‘एक पांव रखता हूं हज़ार राहें फूट पड़ती हैं’ लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि इस बार उनकी हर राह चुनाव की ओर जा रही है।
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