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सीपीएम सांसद को वेनेजुएला में फासीवाद विरोधी बैठक में भाग लेने के लिए विदेश मंत्रालय ने नहीं दी इजाज़त

राज्यसभा सांसद वी. शिवदासन को सीपीआई(एम) ने फासीवाद के ख़िलाफ़ विश्व संसदीय मंच में भाग लेने के लिए नामित किया था, जो वेनेजुएला की संसद द्वारा आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम था।
Sivadasan

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (एमईए) ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद वी शिवदासन को फासीवाद के खिलाफ विश्व संसदीय मंच में भाग लेने की इज़ाजत देने से इनकार कर दिया है। यह वेनेजुएला की संसद द्वारा आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम है। इस साल अक्टूबर में वेनेजुएला के उपराष्ट्रपति पेड्रो इनफैंटे की भारत यात्रा के दौरान शिवदासन को सम्मेलन का निमंत्रण दिया गया था। इस बैठक में दुनिया भर से 300 सांसद भाग लेंगे।

भारत में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को किसी भी आधिकारिक बैठक में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा करने के लिए दो स्तरों पर इज़ाजत लेनी होती है। उन्हें किसी भी विदेशी सरकार की आधिकारिक सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए गृह मंत्रालय से विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम लाइसेंस (एफसीआरए) फॉर्म-II प्रस्तुत करना होता है और साथ ही उन्हें विदेश मंत्रालय (MEA) से राजनीतिक मंज़ूरी भी लेनी होती है।

न्यूज़क्लिक से फ़ोन पर बात करते हुए, डॉ शिवदासन ने कहा कि "सरकार की मंशा तब ही साफ थी जब उसने मुझे मंज़ूरी न देने के पत्र के साथ एफसीआरए को उसके साथ संगलन नहीं किया था। आम तौर पर, अधिकारी एफसीआरए मंज़ूरी के दस्तावेज़ मांगते हैं। मैंने 28 अक्टूबर को फिर से इसके लिए आवेदन किया और राजनीतिक पहलू का हवाला देते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया गया।"

अपना विरोध दर्ज कराते हुए शिवदासन ने कहा कि इस कार्यक्रम की प्रकृति से ही पता चलता है कि यह विभिन्न देशों के सांसदों का सम्मेलन है, जिन्हें वेनेजुएला की संसद द्वारा वर्तमान वैश्विक राजनीतिक स्थिति पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे अपने पत्र में शिवदासन ने कहा कि, “दुनिया भर में दक्षिणपंथी और नव-फासीवादी दलों के उदय को कई लोकतंत्रिक ताकतों द्वारा सामाजिक ताने-बाने को खतरे के रूप में पहचाना जाता है। लोकतंत्र के बारे में चिंतित कई सरकारें और पार्टियां (चाहे वे सत्ता में हों या नहीं), इस खतरे से लड़ने के लिए एक साथ आ रही हैं। मैं इन प्रयासों में शामिल होना चाहता था और इस तरह की पहल को मजबूत करना चाहता था। वामपंथी राजनीतिक विचार और भारत कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का प्रतिनिधित्व करते हुए यह मेरे लिए इस विषय पर अपने विचार रखने और दक्षिणपंथी, नव-फासीवादी खतरे के खिलाफ संघर्ष को मजबूत करने का एक अवसर था। दुर्भाग्य से, मुझे इस तरह के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने और अपने विचार व्यक्त करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया।”

उन्होंने कहा कि, "मैं आपके मंत्रालय के इस फैसले से हैरान हूं कि इसमें मुझे भाग लेने का अधिकार नहीं दिया गया है, क्योंकि भारत और वेनेजुएला के बीच अच्छे संबंध हैं और वे कई बहुपक्षीय मंचों का हिस्सा हैं, जिसमें हाल ही में गठित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन भी शामिल है, जिसका गठन हमारे देश की पहल पर हुआ था। भारत और वेनेजुएला गुटनिरपेक्ष आंदोलन के भी सदस्य हैं।"

एक बयान में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने विदेश मंत्रालय के इस कदम को “सत्तारूढ़ पार्टी के विचारों के अनुरूप नहीं होने वाली किसी भी आवाज को दबाने का प्रयास” करार दिया है।

इसमें कहा गया है कि, "सीपीआई (एम) को वेनेजुएला की नेशनल असेंबली से अपने सांसदों को फासीवाद के खिलाफ़ बने संसद के मंच में भाग लेने के लिए नामित करने का निमंत्रण मिला है। पार्टी ने डॉ. वी. शिवदासन को इसका प्रतिनिधित्व करने और इसमें भाग लेने के लिए नामित किया है, जहां कई देशों के सांसद मौजूद रहने वाले हैं।"

बयान में कहा गया है कि, "यह बेहद निंदनीय है कि एफसीआरए मंजूरी मिलने के बावजूद विदेश मंत्रालय ने शिवदासन को राजनीतिक मंजूरी देने से इनकार कर दिया, जिससे संसद सदस्य के तौर पर उनके अधिकारों का हनन हुआ है। सरकार राजनीतिक भेदभाव की नीति पर चल रही है, जहां अलग-अलग आवाजों को अपने विचार व्यक्त करने से रोका जा रहा है। यह सभी विपक्षी दलों और उनके संसद सदस्यों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।"

इस साल की शुरुआत में, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को भी विदेश मंत्रालय ने विदेश जाने की तब अनुमति नहीं दी गई थी, जब उन्होंने एक फैक्ट्री में लगी आग में बुरी तरह घायल हुए भारतीय श्रमिकों के इलाज के लिए कुवैत की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी। इस आग में 23 श्रमिकों की मौत हो गई थी।

मूल अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस आलेख को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं–

MEA Denies Nod to CPM MP to Participate in Anti- Fascism Meet in Venezuela

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