पटना में लड़की की ख़रीद-फ़रोख़्त : महिला संगठनों का नीतीश सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से लेकर बिहार के हर शहर में लड़कियां असुरक्षित हैं। पटना में भी लड़कियों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आया है। इसे लेकर महिला संगठनों ने नीतीश सरकार से पूछा है कि और कितनी बेटियों की जान लेगी ये ‘सुशासन बाबू’ की सरकार।
दरअसल पटना के पत्रकार नगर थाना इलाके में एक लड़की को तीन जगह बेचे जाने के मामला सामने आया है। इस मसले को लेकर महिला संगठनों का एक जांच दल लड़की के परिवार से मिला और पूरी जानकारी ली। इस जांच दल में बिहार महिला समाज से निवेदिता झा, मोना झा, ऐपवा से मधु और एडवा से रामपरी शामिल थे।
इन सभी महिला संगठनों ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर कहा है कि राजधानी की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। अब तक कई मामले लड़कियों के गायब होने और उनके बेचे जाने के सामने आए हैं। राजधानी में पुलिस की नाक के नीचे ऐसी घटनाएं हो रही हैं, पर उस पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा रहा है।
बिहार महिला समाज की कार्यकारी अध्यक्ष नवेदिता झा ने कहा कि ऐसे दलाल और गैंग पटना में सक्रिय हैं। पत्रकार नगर थाने में एक लड़की को शादी के नाम पर बेच दिये जाने का मामला सामने आया है। जिसे हम लोगों ने पुलिस की मदद से बरामद किया। महिला संगठन की तरफ से हम लोग परिवार से मिले थे। यह घटना इस बात का सबूत है कि लड़की बेचे और खरीदे जाने के व्यापार में पुलिस की भी मिलीभगत है, क्योंकि 20 दिन पहले आशियाना से एक लड़की गायब हुई लेकिन जब परिवार के लोग प्राथमिकी दर्ज कराने गए तो उन्हें भगा दिया गया।
रामपरी जी ने बताया कि 7 दिसंबर 2018 को बुद्धा डेंटल कॉलेज और अस्पताल के पास महात्मा गांधी नगर में रहने वाली लड़की सुबह करीब 9:30 में घर से दवा लेने निकली थी, जब वह काफी देर तक नहीं आई तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। 12 दिसंबर को परिवार के लोगों ने 751 के तहत अपहरण का मामला दर्ज कराया। 4 माह तक पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। लड़की के परिवार के लोगों ने बताया कि 4 माह बाद लड़की ने किसी तरह मां को फोन कर बताया कि वह बुरी स्थिति में है। उसे बेच दिया गया है। किसी तरह संपर्क किया गया तो लड़की को वापस लाया गया। लड़की को राजस्थान के चिड़ावा के झुनझुन मोहल्ला में विनोद नाम के आदमी यहां से बरामद किया गया, उसके साथ उसकी जबरन शादी कर दी गई थी। लड़की जब पटना पहुंची तो पुलिस को सारा मामला बताया गया और उस आदमी को पुलिस के हवाले किया गया। इतने बड़े अपराध के बावजूद पुलिस ने विनोद को छोड़ दिया। यह प्रशसन के कार्य शैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगता है।
बचाई गई लड़की का धारा 364 के तहत बयान करवाया गया है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुयी है। लड़की ने बताया की जब उसे होश आया तो किसी अँधेरे कमरे में पाई गयी। जहाँ उसकी उम्र की कई लड़कियां मौजूद थीं। कई स्कूल के लिबास में थीं। सबको बेचने के लिए लाया गया था।
प्रेस वार्ता के दौरान महिला संगठनों ने इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कही है। अपराधी और इस धंधे में लगे हुए गैंग को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
महिला संगठनों ने कहा कि इस घटना के लिए पूरी तरह सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है। हम मांग करते हैं की इस मामले की तह तक जाकर लड़कियों की खरीद फरोख्त करने वाले सरगना को गिरफ्तार किया जाए। सभी महिला नेताओ ने एक स्वर में कहा कि अगर 10 दिनों के कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो सभी महिला संगठन सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगी।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।