कश्मीर में उर्दू का 131 सालों का वर्चस्व समाप्त?
जम्मू-कश्मीर में मौजूद उर्दू और अंग्रेज़ी भाषा के अलावा आधिकारिक भाषाओं की सूची में कश्मीरी, डोगरी, और हिंदी को शामिल करने के बाद इस पूर्ववर्ती राज्य में कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बीच, उर्दू लेखकों, कवियों, पत्रकारों, कैलीग्राफ़र्स और अन्य लोगों द्वारा इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर में मौजूद उर्दू और अंग्रेज़ी भाषा के अलावा आधिकारिक भाषाओं की सूची में कश्मीरी, डोगरी, और हिंदी को शामिल करने के बाद इस पूर्ववर्ती राज्य में कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बीच, उर्दू लेखकों, कवियों, पत्रकारों, कैलीग्राफ़र्स और अन्य लोगों द्वारा इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की जा रही है।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।