BHU छेड़खानी मामला: आश्वासन के बाद भी नहीं थमा रोष, छात्र-छात्राओं ने निकाला मार्च
आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से छेड़खानी और बदसलूकी की वारदात के बाद कई घंटों तक चले आंदोलन और फिर समझौते के बाद भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स का आक्रोश अभी कम नहीं हुआ है। पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर 03 नवंबर की शाम बड़ी संख्या में छात्राओं ने बीएचयू कैंपस में मार्च निकाला जिसमें छात्र भी शामिल थे और बाद में लंका स्थित सिंह द्वार पर पहुंचकर धरना दिया और काफी देर तक नारेबाज़ी भी की।
बीएचयू की महिला महाविद्यालय की छात्राएं शुक्रवार की शाम बैनर और पोस्टर लेकर नारेबाज़ी करती हुई निकलीं। छात्राओं का जुलूस कैंपस का चक्रमण करते हुए लंका स्थित सिंहद्वार पहुंचा। काफी देर तक नारेबाज़ी करने के बाद छात्राएं वहां धरने पर बैठ गईं। आंदोलनरत छात्राएं पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने की मांग कर रही थीं। धरना स्थल पर आयोजित सभा में, छात्रा के साथ अमानवीय कृत्य करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी और बीएचयू कैंपस की सुरक्षा सख्त करने की मांग उठाई गई।
आंदोलन-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसीपी प्रवीण कुमार सिंह भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और छात्राओं को समझाने की कोशिश की। छात्राओं का कहना था कि "गन प्वाइंट पर आईआईटी छात्रा के साथ छेड़खानी और बदसलूकी की गई, कई देर तक बंधक भी बनाए रखा। घटना की सूचना देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन सोया रहा।"
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छात्रों ने आईआईटी के डायरेक्टर पर ढुलमुल रवैये का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जब इस मामले को उठाया तब इसकी चर्चा ने ज़ोर पकड़ लिया। काफी जद्दोजहद के बाद दो नवंबर की देर रात स्टूडेंट्स का धरना खत्म कराया गया। लेकिन 03 नवंबर, 2023 को सिंहद्वार पर छात्राओं के आंदोलन से बीएचयू का माहौल एकबार फिर सरगर्म हो गया।
जनवादी संगठनों का प्रदर्शन
इससे पहले जनवादी छात्र संगठनों ने बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस पर पहुंचकर आंदोलन-प्रदर्शन किया, काफी देर तक धरना भी दिया। जनवादी छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि आईआईटी परिसर में दीवार बनाए जाने का विरोध इसलिए खड़ा किया जा रहा है ताकि छात्र दो खेमें में बंट जाएं।
धरना-प्रदर्शन के बाद वक्ताओं ने कहा कि "सुरक्षा के नाम पर बीएचयू प्रशासन ने लड़कियों को पक्षियों की तरह पिंजरे में बंद कर दिया है। सुरक्षा के बहाने यह कहने का चलन आम है कि छेड़छाड़ की वारदातें उन्हीं लड़कियों के साथ होती हैं जो रात में घूमती है। सच यह है कि बीएचयू में छेड़छाड़ की ज़्यादातर घटनाएं दिन के समय होती हैं और सुरक्षा कर्मचारी लापता होते हैं। लड़कियों की सुरक्षा के मामले में बीएचयू प्रशासन का रवैया ढीला है।"
वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि "आज़ादी के इतने सालों बाद भी महिलाएं आज़ाद नहीं हैं। जब राक्षस खुलेआम घूमेंगे तो बेटियां कैसे पढ़ेंगी?”
जनवादी संगठनों की ओर से बीएचयू के कुलपति को एक मांग-पत्र सौंपा गया, जिसमें कहा गया है, "बीएचयू कैंपस के अंदर कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास आईआईचटी की छात्रा के साथ सैक्सुअल हैरेसमेंट का जघन्य मामला सामने आया है। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में छेड़छाड़ के मामले लगातार हो रहे हैं, जबकि बीएचयू प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। बीएचयू प्रशासन से मांग है कि पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाया जाए। बीएचयू में विशाखा गाइड लाइन को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए और जीएस कैश बनाया जाए। स्टूडेंट्स, गाइड, नॉन-टीचिंग स्टाफ, फैकल्टी मेंबर्स के बीच सेंसटाइजेशन के वर्कशॉप आयोजित किए जाएं।"
मांग-पत्र में यह भी कहा गया है कि, "आईआईटी कैंपस के विभाजन और बीएचयू को पुलिस छावनी बनाए जाने के हम ख़िलाफ़ हैं। दीवार खड़ी करके भी छेड़छाड़ की घटनाओं को नहीं रोका जा सकता है। ऐसे फैसले तत्काल वापस लिए जाएं। बीएचयू कैंपस में स्टूडेंट्स पर बगैर कोई प्रतिबंध लगाए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं।" जनवादी छात्र संगठनों के आंदोलन-प्रदर्शन में आईसा, बीएसएम, सीवाईएसएस, दिशा, पीएसओ, एससीएस, स्टडेंट्स फ्रंट समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
पुलिस इंस्पेक्टर लाइनहाज़िर
आईआईटी छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में बनारस की कमिश्नरेट पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लंका थाना प्रभारी को लाइनहाज़िर कर दिया है। यह कार्रवाई दायित्वों में लापरवाही बरतने की वजह से की गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाबत मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा और बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर एसके जैन से बात की। उन्होंने आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्रवाई का संदेश जनता तक जाना चाहिए। सरकार की ओर से आईआईटी के स्टूडेंट्स को भरोसा दिलाया गया है कि एक हफ्ते के अंदर दिन में सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे और कड़ी सज़ा दी जाएगी।
गौरतलब है कि आईआईटी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद आईआईटी प्रशासन और बीएचयू के कुलपति के बीच दीवार बनाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, कुछ छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि कैंपस को दो फाड़ नहीं किया जाना चाहिए। मदन मोहन मालवीय के सपने को बंटता हुआ नहीं देखा जाएगा। इस मामले को लेकर एनएसयूआई के नाराज़ छात्रों ने बीएचयू के कुलपति का पुतला भी जलाया। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि पीड़ित के साथ न्याय हो और दोषियों को जल्द पकड़ा जाए।
पुलिस प्रशासन ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक कर कैंपस में बाहरी लोगों के प्रवेश और किसी भी अनहोनी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए परिसर में कुछ स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। बीएचयू कैंपस में सुरक्षा के मद्देनज़र प्रॉक्टर ऑफिस में सब इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी तैनात होंगे। बैरिकेड्स लगाकर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक आवाजाही बैन की जाएगी। विश्वविद्यालय के चार मुख्य द्वारों के अलावा, परिसर में सुनसान वाले स्थानों पर कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे। एसीपी प्रवीण सिंह ने कहा, "छात्रा की शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (एक महिला के साथ मारपीट या आपराधिक बल) के तहत और आईटी के प्रावधानों के तहत लंका थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।"
"एक हफ्ते में पकड़े जाएंगे आरोपी"
एसीपी ने बताया, "विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक सिर्फ गार्ड्स के ज़रिए कैंपस की सुरक्षा पर ध्यान दे रहा था। छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में कई स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। आरोपियों की पहचान और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस दल परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में कैमरों के सीसीटीवी फुटेज को देख रहे हैं। साथ ही हमलावरों को ट्रैक करने के लिए मोबाइल निगरानी का भी उपयोग कर रहे हैं।"
इस बीच आईआईटी-बीएचयू के रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव ने एक निर्देश जारी किया है जिसमें कर्मचारियों और छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए परिसर के आसपास के सभी बैरिकेड्स को रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक बंद करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि रात की ड्यूटी पर सुरक्षा गार्ड सिर्फ बीएचयू स्टिकर वाले वाहनों और बीएचयू का पहचान पत्र दिखाने वालों को ही परिसर में प्रवेश करने की अनुमति देंगे।
आईआईटी में सुरक्षाकर्मियों की फौज
उल्लेखनीय है कि साल 1919 में पंडित मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कराई थी। तब इसका नाम बनारस इंजीनियरिंग कॉलेज (BENCO) था। साल 2012 में आईटी-बीएचयू को आईआईटी का दर्जा मिला था। इसके लिए केंद्र सरकार ने इंडस्ट्री ऑफ टेक्नोलॉजी अमेंडमेंट बिल पारित किया था। इसके बाद दोनों संस्थान अलग हो गए थे। बाद में साल 2025 में आईआईटी-बीएचयू में बोर्ड ऑफ गर्वनर की नियुक्ति की गई।
बीएचयू कैंपस में सुरक्षा की ज़िम्मेदारी प्रॉक्टोरियल बोर्ड पर है। आईआईटी-बीएचयू में एक चीफ प्रॉक्टर और पांच प्रॉक्टर तैनात हैं। एक सिक्योरिटी ऑफिसर और तीन असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर भी हैं। इस परिसर में 210 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। फिलहाल 180 सुरक्षाकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं और तीन अन्य बीमारी व अन्य वजहों से अवकाश पर हैं। बीएचयू परिसर में एक पुलिस चौकी भी है, जहां एक चौकी इंचार्ज समेत दस कांस्टेबल की तैनाती की गई।
दूसरी ओर, बीएचयू प्रशासन ने आपात बैठक के बाद निर्णय लिया है कि कैंपस में अब इंट्रीग्रेटेड कमांड सेंटर बनेगा। इससे परिसर के हर हिस्से की निगरानी की जाएगी। इस सेंटर से आईआईटी बीएचयू कैंपस को भी जोड़ा जाएगा। आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ घटना के बाद बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह ने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों की एक आपात बैठक बुलाई और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा हुई।
लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
छात्र आरोप लगाते हैं कि विश्वविद्यालय परिसर में भी आए दिन मारपीट, छेड़खानी की घटनाएं होती रहती हैं। इस तरह की गतिविधियों को देखते हुए ही सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू हुआ। सीसीटीवी कैमरा लगवाने और पेट्रोलिंग बढ़ाने का निर्णय लिया गया। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि परिसर में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती वाली जगह पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। विशेषकर छात्राओं के हॉस्टल और संवेदनशील जगहों पर रात के समय में पेट्रोलिंग में ज़्यादा सतर्कता बरती जाएगी। सिगरा के कमांड सेंटर की तर्ज पर परिसर में सेंटर स्थापित करने के उद्देश्य से नए सिरे से योजना बनाई जाएगी।
बीएचयू कैंपस में ग्रीन जोन बनाया जाएगा। इसमें कई तरह के बदलाव आगे होंगे। बदलाव क्या होंगे, यह अभी तय नहीं। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जल्द एक इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया जाएगा। संवेदनशील स्थानों पर रिटायर्ड मिलिट्री सुरक्षा गार्ड्स की अतिरिक्त तैनाती होगी। एग्रीकल्चर फॉर्म और हैदराबाद गेट जैसे कॉमन रास्तों पर आवागमन नियंत्रित करने पर विचार किया जाएगा। कैंपस के सभी सातों गेट पर जिला पुलिस और बीएचयू कर्मचारियों की चौबीस घंटे ड्यूटी रहेगी। संस्थान एक क्लोज़ कैंपस के निर्माण के लिए शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर केस
आईआईटी छात्रा के साथ मॉलेस्टेशन के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के एक बयान के बाद बीजेपी की अनुसांगिक छात्र संगठन माने जाने वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने उनके ख़िलाफ़ लंका थाने में धारा 505 (2) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले में एबीवीपी का नाम जोड़ा था जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ लंका थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि "कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एबीवीपी की इमेज खराब करने में लगे हैं। उनका बयान अनर्गल और आधारहीन है।"
(लेखक बनारस स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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