कार्टून क्लिक: आपातकाल बनाम मोदीकाल
आज जब नफ़रत सर चढ़कर बोल रही है। महंगाई और बेरोज़गारी चरम पर है। असहमति को देशद्रोह कहा जाने लगा है। आज जब मीडिया पर सेंसर लगाने की बजाय उसे गोदी मीडिया में बदल दिया गया है...तो बताइए कि आप कौन सी इमरजेंसी को याद करना चाहेंगे...घोषित आपातकाल को या अघोषित आपातकाल को….
25 जून वह दिन है जब 1975 में इंदिरा सरकार ने देश में इमरजेंसी घोषित की थी। इसकी बात आज इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रविवार 18 जून को रेडियो पर प्रसारित अपने मन की बात में इमरजेंसी को याद किया है।
मन की बात के 102वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी को याद कर कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। हम 25 जून को नहीं भूल सकते। जिस दिन आपातकाल लगाया गया था। यह भारत के इतिहास का एक काला काल था। लाखों लोगों ने अपनी पूरी ताकत से आपातकाल का विरोध किया। उस दौर में लोकतंत्र के समर्थकों पर इतना अत्याचार किया गया था कि आज भी मन कांप उठता है. आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं तो हमें ऐसे अपराधों को भी देखना चाहिए। यह युवा पीढ़ी को लोकतंत्र का अर्थ और महत्व सिखाएगा।
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