आज़ादी से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश ने दिए 21 मुख्यमंत्री, 10 बार लगा राष्ट्रपति शासन
देश में सियासत का सबसे बड़े सूबा... उत्तर प्रदेश, आज़ादी से अब तक यहां की राजनीतिक ने कई उतार चढ़ाव देखे, यहां की हर विधानसभा खुद में अलग ही महत्व रखती है, देश का हर बड़ा मुद्दा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, यही कारण है कि यहां से देश को 9 प्रधानमंत्री मिल चुके हैं, जिन्होंने अपनी अलग कामों से अलग पहचान बनाई, इतना ही नहीं इतने सालों में उत्तर प्रदेश ने 21 मुख्यमंत्री दिए हैं, किस मुख्यमंत्री का कार्यकाल कितने वक्त तक रहा...
1- गोविंद बल्लभ पंत(कांग्रेस)
उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गोविंद बल्लभ पंत थे, वह दो बार राज्य के मुख्यमंत्री चुने गए थे। पहली बार वह 1950 से 1952 तक, जबकि दूसरी बार 1952 से लेकर 1954 तक वह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। सरकार ने उन्हें 26 जनवरी 1957 को भारत रत्न से सम्मानित किया था।
2- संपूर्णानंद(कांग्रेस)
संपूर्णानंद दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए। वह अच्छे लेखक, राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। पहली बार 1954 से लेकर 1957 तक मुख्यमंत्री थे, जबकि दूसरी बार उन्होंने 1957 से लेकर 1960 तक मुख्यमंत्री का पद संभाला।
3- चंद्र भानु गुप्ता(कांग्रेस)
चंद्र भानु गुप्ता को तीन बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया। पहली बार वह 1960 से लेकर 1963 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, दूसरी बार 1967 में मुख्यमंत्री बने और आखरी बार उन्होंने 26 फरवरी 1969 से लेकर 17 फरवरी 1970 तक मुख्यमंत्री का पदभार संभाला।
4- सुचेता कृपलानी(कांग्रेस)
सुचेता कृपलानी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ी हुई थीं। इनका कार्यकाल 2 अक्टूबर 1963 से लेकर 13 मार्च 1967 तक रहा था।
5- चौधरी चरण सिंह(भारतीय क्रांति दल)
मेरठ में जन्में चौधरी चरण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। वह किसानों के बड़े नेता माने जाते थे। पहली बार 1967 से लेकर 1968 तक वह मुख्यमंत्री रहे, दूसरी बार 18 फरवरी 1970 से लेकर 1 अक्टूबर 1970 तक मुख्यमंत्री बनाए गए।
6- त्रिभुवन नारायण सिंह(कांग्रेस)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के त्रिभुवन नारायण सिंह 18 अक्टूबर 1970 से लेकर 3 अप्रैल 1971 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। त्रिभुवन नारायण सिंह बड़े पत्रकार भी थे। उन्होंने कई नामी अख़बारों में अपना योगदान भी दिया था।
7- कमलापति त्रिपाठी(कांग्रेस)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कमलापति त्रिपाठी 4 अप्रैल 1971 से लेकर 12 अप्रैल 1973 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे। इसके अलावा वह भारत सरकार में रेल मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने ‘आज’ और ‘संसार’ नाम के दो समाचार पत्रों का भी सम्पादन किया था।
8- हेमवती नंदन बहुगुणा(कांग्रेस)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे। पहली बार वह 1973 से 1974 तक इस पद पर रहे। दूसरी बार वह 5 मार्च 1974 से लेकर 29 नवंबर 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
9- रामनरेश यादव(जनता पार्टी)
रामनरेश यादव 23 जून 1977 से 27 फरवरी 1979 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. वह मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी नियुक्त किये गए थे।
10- बनारसी दास(जनता पार्टी)
बाबू बनारसी दास 28 फरवरी 1979 को मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचे। वह 17 फरवरी 1980 तक इस पद पर बने रहे। जनसंघ से जुड़े बाबू बनारसी दास ने 1984 में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।
11- विश्वनाथ प्रताप सिंह(कांग्रेस)
विश्वनाथ प्रताप सिंह 9 जून 1980 से लेकर 18 जुलाई 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।
12- श्रीपति मिश्रा(कांग्रेस)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्रीपति मिश्रा 19 जुलाई 1982 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। वह इस पद पर 2 अगस्त 1984 तक रहे। चौधरी चरण सिंह की सरकार में उनके पास कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी.
13- वीर बहादुर सिंह(कांग्रेस)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह गोरखपुर से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 24 सितंबर 1985 से लेकर 24 जून 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
14- नारायण दत्त तिवारी(कांग्रेस)
नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश में तीन बार कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री चुने गए थे। पहली बार 1976 से 1977, दूसरी बार 1984 से 1985 और आखिरी बार 25 जून 1988 से लेकर 5 दिसंबर 1989 तक वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। जबकि एक बार वह उत्तराखंड के भी मुख्यमंत्री चुने गए थे। नारायण दत्त तिवारी एकलौते ऐसे राजनेता थे, जो दो राज्यों से मुख्यमंत्री चुने गए थे। वह 2007 में आंध्रप्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
15- कल्याण सिंह(भारतीय जनता पार्टी)
कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे। वह उत्तर प्रदेश में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे। पहली बार वह 1991 से लेकर 1992 तक यूपी के मुख्यमंत्री बने, फिर 21 सितंबर 1997 से लेकर 12 नवम्बर 1999 तक दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।
16-राम प्रकाश गुप्ता(भारतीय जनता पार्टी)
भारतीय जनता पार्टी के राम प्रकाश गुप्ता 12 नवंबर 1999 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। वह 28 अक्टूबर 2000 तक इस पद पर रहे।
17- राजनाथ सिंह(भारतीय जनता पार्टी)
भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राजनाथ सिंह साल 2000 से लेकर 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1977 में पहली बार वह विधायक चुने गए थे। भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार में वह पहले गृहमंत्री और अब रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
18- मुलायम सिंह यादव(समाजवादी पार्टी)
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। पहली बार 1989 से लेकर 1991 तक, दूसरी बार 1993 से 1995 तक और तीसरी बार वह 2003 से 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 1967 में पहली बार विधायक बने थे, जबकि 1996 में मैनपुरी से लोकसभा सांसद चुने गए थे। वह भारत सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।
19- मायावती(बहुजन समाज पार्टी)
मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री चुनी जा चुकी हैं। वह मौजूदा समय में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मायावती साल 1995 में पहली बार मुख्यमंत्री चुनीं गईं इस साल इनका कार्यकाल सिर्फ 3 जून से 18 अक्टूबर यानी 137 दिनों का रहा। दूसरी बार मायावती 1997 से 2002 तक मुख्यमंत्री रहीं। तीसरी बार 2003 से 2007 तक फिर 2007 से लेकर 2012 तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। 2003 में काशीराम के निधन के बाद मायावती को बसपा का मुखिया चुना गया था।
20-अखिलेश यादव(समाजवादी पार्टी)
अखिलेश यादव 2012 से लेकर 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। 2003 में वह पहली बार कन्नौज लोकसभा से सांसद चुने गए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 224 सीटें जीतकर सपा की झोली में डाली थी।
21- योगी आदित्यनाथ(भारतीय जनता पार्टी)
उत्तर प्रदेश में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे। 19 मार्च 2017 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं, 26 साल की उम्र में वह पहली बार सांसद बने थे।
24 घंटे के सीएम बने थे जगदंबिका पाल
जगदंबिका पाल सबसे कम समय तक सीएम रहने वाले राजनेता हैं, 1998 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रोमेश भंडारी ने भाजपा शासित कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था, आनन-फानन में कांग्रेस नेता रहे जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दल बदल कर जगदंबिका का समर्थन करने वाले 12 विधायकों को अयोग्य करार दिया और कंपोजिट फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। कल्याण सिंह को फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल हुआ और वह दोबारा मुख्यमंत्री बन गए। ऐसे में जगदंबिका पाल सिर्फ 24 घंटे तक ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहे।
कब-कब प्रदेश में लगा राष्ट्रपति शासन
पहली बार
- 25 फरवरी 1968 से 26 फरवरी 1969 तक
- अवधि- 1 साल 02 दिन
- नतीजा- विधानसभा निलंबित और 15 अप्रैल 1968 को विधानसभा भंग
दूसरी बार
- 1 अक्टूबर 1970 से 18 अक्टूबर 1970 तक
- अवधि- 18 दिन
- नतीजा- विधानसभा निलंबित
तीसरी बार
- 13 जून 1973 से 8 नवंबर 1973 तक
- अवधि- 4 महीने, 4 दिन
- नतीजा- विधानसभा निलंबित
चौथी बार
- 30 नवंबर 1975 से 21 जनवरी 1976 तक
- अवधि- 1 महीना 22 दिन
- नतीजा- विधानसभा निलंबित
पांचवी बार
- 30 अप्रैल 1977 से 23 जून 1977
- अवधि- 1 महीना 24 दिन
- नतीजा- विधानसभा भंग
छठी बार
- 17 फरवरी 1980 से 9 जून 1980 तक
- अवधि- 3 महीना 21 दिन
- नतीजा- विधानसभा भंग
सातवीं बार
- 6 दिसंबर 1992 से 4 दिसंबर 1993
- अवधि- 11 महीने 29 दिन
- नतीजा- विधानसभा भंग
आठवीं बार
- 18 जून 1995 से 17 अक्टूबर 1996 तक
- अवधि- 11 महीना 29 दिन
- नतीजा- विधानसभा भंग
नौवीं बार
- 17 अक्टूबर 1996 से 21 मार्च 1997 तक
- अवधि- 5 महीने 4 दिन
- विधानसभा निलंबित
दसवीं बार
- 8 मार्च 2002 से 3 मार्च 2002 तक
- अवधि 1 महीना 25 दिन
- नतीजा- विधानसभा निलंबित
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