फ्रांस में स्वास्थ्य कर्मी सड़कों पर उतरे, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को बचाने की मांग
सरकारी अस्पतालों को बचाने की सरकार से मांग करते हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मंगलवार 16 जून को पेरिस सहित फ्रांस के अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। लोगों के इकट्ठा होने का आह्वान इंटर-अर्जेंसेज और कलेक्टिफ़-इंटर-होपिटॉक्स द्वारा किया गया था और इसे जनरल कन्फेडरेशन ऑफ़ लेबर (सीजीटी) और सॉलिडेयर सहित कई यूनियनों द्वारा समर्थन किया गया था।
ख़बरों के मुताबिक फ्रांस के अन्य शहरों जैसे मार्सिले, टूलूज़, लियोन, लिले और नांतेस सहित पेरिस में हज़ारों लोगों ने मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने इमैनुएल मैक्रोन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की निरंतर और सुनियोजित तरीके से उपेक्षा करने और फंड कम करके कमज़ोर करने को लेकर निंदा की।
कलेक्टिफ़-इंटर-होपिटॉक्स ने कहा, “क़रीब साल भर से अस्पताल के कर्मचारी सार्वजनिक अस्पतालों में साधनों की कमी और देख-रेख के अपने कार्यों को पूरा करने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में चेतावनी देते रहे हैं। साल भर से वे मरीज़ की देखभाल की गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी के लिए अस्पताल की आपातकालीन योजना के लिए कहते रहे हैं। तब से, COVID-19 संकट (अगर कुछ आश्वस्त नहीं थे) ने सार्वजनिक अस्पताल की आवश्यक जगह और लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कर्मचारियों और साधनों की असीमित आवश्यकता की ओर संकेत दिया है।"
फ्रांस के लगभग 250 अस्पतालों के एक्सिडेंट एंड एमर्जेंसी (ए एंड ई) विभागों में कर्मचारियों ने 2019 में आपातकालीन कर्मचारियों के मासिक वेतन में 300 ईयूआर की वृद्धि, साथ ही कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए नई भर्तियां और अस्पताल के बिस्तर और अन्य चिकित्सा सुविधाओं में कटौती को रोकने की मांग करते हुए अपनी हड़ताल शुरू की।
कलेक्टिफ़-इंटर-होपिटॉक्स ने कहा कि अस्पताल के आपातकालीन कर्मचारियों द्वारा साल भर की हड़ताल के बाद राष्ट्रपति ने 20 मार्च को अस्पतालों के लिए एक बड़ी योजना का वादा किया था। इस समूह ने कहा, "लेकिन हम अभी भी सरकार की एन्क्रिप्टेड घोषणा और सार्वजनिक अस्पताल के अस्तित्व के लिए अपनी आवश्यक मांगों के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीएफ) ने भी स्वास्थ्य कर्मचारियों के आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त की। पीसीएफ नेता फैबिन रूसेल और पियरे लॉरेंट मंगलवार को पेरिस में प्रदर्शनों में शामिल हुए। मोवेमेंट ज्यूनेस कम्युनिस्टेस डी फ्रांस (एमजेसीएफ) के कार्यकर्ता भी देश के विभिन्न हिस्सों में इस मार्च में शामिल हुए।
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