प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नहीं, लेकिन विपक्षी एकता के लिए भूमिका निभाने को तैयार हूं: नीतीश
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन वह केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के खिलाफ विपक्षी एकता स्थापित करने में सकारात्मक भूमिका निभाने को लेकर आशान्वित हैं।
कुमार ने बिहार में नवगठित सरकार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग की आशंकाओं को हल्के में लिया लेकिन इतना जरूर कहा,‘‘ जिन लोगों को दुरुपयोग की आदत पड़ गयी है, उन्हें जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।’’
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार के लोग उन्हें एक दिन प्रधान मंत्री के रूप में देख सकते हैं, कुमार ने हाथ जोड़कर कहा, ‘‘कृपया मुझसे इस तरह के सवाल न पूछें, मैंने कई बार कहा है कि मेरी ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। मैं अपने राज्य की सेवा करना चाहता हूं ।’’
हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि बिखरे विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने में उन्होंने अपने लिए क्या भूमिका देखी है तो तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भूमिका सकारात्मक होगी। मेरे पास कई टेलीफोन कॉल आ रहे हैं। मेरी इच्छा है कि (भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के खिलाफ) सभी एक साथ आएं। आने वाले दिनों में आपको कुछ कदम नजर आयेंगे।’’
नई सरकार पर ईडी और सीबीआई के डर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा कोई डर नहीं है। एक बात याद रखें, भले ही (एजेंसियों के) दुरुपयोग की आदत बना ली गई हो, लेकिन ऐसा करने वाले लोगों पर लोगों की पैनी नजर रहेगी।’’
जदयू नेता से यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र गुजरात जाएंगे, कुमार ने कहा, ‘‘आपको इसके बारे में समय आने पर पता चल जाएगा।’’
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