लालक़िले का घमंड भरा भाषण, मोदीराज में परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की मिसालें
स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने लालक़िले से जो भाषण दिया, वह अतीत के सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों से बिल्कुल अलग था. यहीं नहीं मोदी जी के पहले के भाषणों से भी काफ़ी अलग ढर्रे का था.
स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने लालक़िले से जो भाषण दिया, वह अतीत के सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों से बिल्कुल अलग था. यहीं नहीं मोदी जी के पहले के भाषणों से भी काफ़ी अलग ढर्रे का था. #AajKiBaat में इस बार प्रधानमंत्री के भाषण के अर्थ और निहितार्थ पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने देश के जाने-माने राजनीतिशास्त्री और एक्टिविस्ट प्रोफ़ेसर योगेन्द्र यादव से बातचीत की है.
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