"बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दे सरकार" : बिहार में शिक्षक संगठन एकजुट
शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा के लिए विगत कई महीनों से बिहार के लाखों शिक्षक संघर्षरत हैं। बिहार राज्य अध्यापक नियमावली-2023 में आवश्यक संशोधन की मांग को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के साथ बिहार राज्य पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं अन्य शिक्षक संघों द्वारा बिहार विधान मंडल के समक्ष 11 जुलाई को विशाल प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद गर्दनीबाग में एक सभा का आयोजन किया गया जिसे कई विधान पार्षदों एवं विधायकों ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने की।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे शिक्षकों के संघर्ष का नतीजा है कि आज सदन में सरकार को यह कहने पर विवश होना पड़ा है कि मुख्यमंत्री शिक्षकों की मांगों पर वार्ता करने के लिए तैयार हैं। याद रहे कि सरकार जब तक पूर्व से सेवारत शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा नहीं देती है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम सड़कों पर संघर्ष करेंगे और हमारा हित चाहने वाले विधायक और विधान पार्षद सदन में हमारी लड़ाई लड़ेंगे। हम 2024 में भी सरकार के ख़िलाफ़ लड़ेंगे और 2025 में भी लड़ेंगे।"
अपनी बात जारी रखते हुए शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा, "हमारे शिक्षक, परीक्षा का फॉर्म नहीं भरेंगे, यह आत्मघाती कदम है। सरकार हमारे शिक्षकों को बिना परीक्षा और बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा दे। हमारे सभी शिक्षक दक्षता और पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं। सरकार ने हमारे शिक्षकों के विशाल हुजूम को पटना पहुंचने से रोकने के लिए जी-जान लगा दी है। दो हज़ार से अधिक गाड़ियों को पटना में प्रवेश करने से रोका गया। बीस हज़ार शिक्षकों को सभा स्थल की घेराबंदी कर रोका गया। शिक्षक नेता आनंद कौशल समेत हमारे अन्य शिक्षक नेताओं और कई शिक्षकों की गिरफ्तारी की गई। सरकार हमारे नेताओं को सम्मान के साथ रिहा करे। सरकार बहुत गलत तरीके से स्कूलों का निरीक्षण करा रही है। हम शिक्षकों के निरीक्षण के विरोधी नहीं हैं पर निरीक्षण दंडात्मक होगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।"
सभा को संबोधित करते हुए तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि "पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए हम लोगों ने सरकार पर लगातार दबाव बनाया है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आंदोलन के साथ हम हमेशा खड़े रहे हैं और आज विधान परिषद के पोर्टिको में डेढ़ दर्जन विधायकों के साथ राज्यकर्मी के दर्जे की मांग के लिए प्रदर्शन किया है।
कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि "शिक्षकों की इस लड़ाई में हम दलगत राजनीति से अलग शिक्षकों के साथ हैं। हम शिक्षकों की लड़ाई को मजबूती से लड़ते रहे हैं। शिक्षकों को समय पर वेतन भी नहीं मिलता है, यह किसी भी संवेदनशील सरकार के लिए अच्छी बात नहीं है।"
माकपा विधायक अजय कुमार ने कहा कि "महागठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि शिक्षकों के मुद्दे पर वे मानसून सत्र के बाद बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इसके बावजूद आज विधान सभा में हमने शिक्षकों के मुद्दे को उठाया और माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे सदन में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा करें।
सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डॉ. वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि "मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की मांगों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री शिक्षकों के मुद्दे पर अगले सात दिनों के भीतर बातचीत करेंगे और रास्ता निकालेंगे।"
बिहार राज्य पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री पंकज कुमार एवं रामचंद्र राय, उपाध्यक्ष प्रकाश कुमार, सचिव सुप्रिया सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। इसके साथ ही परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेता वंशीधर ब्रजवासी, समरेंद्र बहादुर ने भी सभा को संबोधित किया। साथ ही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की महिला नेता प्रणम शर्मा, कोशी प्रमंडल की अध्यक्ष परमेश्वरी यादव, पूर्णिया प्रमंडल के अशोक पासवान के साथ अन्य शिक्षक नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।