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दिल्ली में महापौर पद के चुनाव के लिए मतदान जारी

महापौर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह मतदान हो रहा है।
MCD
फोटो साभार : पीटीआई

दिल्ली का महापौर चुनने के तीन असफल प्रयासों के बाद हुई नगर निगम सदन की बैठक में बुधवार को इस पद पर चुनाव के लिए मतदान जारी है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद मीनाक्षी लेखी और हंस राज हंस सबसे पहले मतदान करने वालों में शामिल रहे। इनके अलावा भाजपा सांसदों प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, हर्षवर्धन, गौतम गंभीर, रमेश बिधूड़ी और मनोज तिवारी तथा आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों संजय सिंह, एन डी गुप्ता और सुशील कुमार गुप्ता ने भी मतदान किया। आप विधायकों दुर्गेश पाठक एवं आतिशी ने भी अपना वोट डाला।

भाजपा पार्षद और पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार रेखा गुप्ता, आप की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय एवं उप महापौर पद के उम्मीदवार आले मोहम्मद इकबाल, उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह, सदन में आप के नेता मुकेश गोयल और कई अन्य पार्षदों ने भी वोट डाला है।

महापौर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह मतदान हो रहा है।

निगम सदन की बैठक निर्धारित समय से आधे घंटे की देरी से पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे आरंभ हुई, जिसमें महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के पदों के लिए चुनाव हो रहे हैं।

अस्थायी पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने कहा, ‘‘मैं सभी से सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील करती हूं।’’

उन्होंने घोषणा की कि मतदान क्षेत्र में कलम और मोबाइल फोन प्रतिबंधित हैं।

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले सप्ताह महापौर पद का चुनाव कराने के लिए निगम के सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दे दी थी।

शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उप महापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।

न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते।

आप ने चार दिसंबर को हुए एमसीडी चुनाव में 134 वार्डों में जीत हासिल की थी और नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल पुराने शासन को समाप्त कर दिया था। भाजपा 104 वार्ड में जीत के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस ने 250 सदस्यीय निगम सदन में नौ सीट जीती थीं।

सदन की बुधवार को कार्यवाही के दौरान आप पार्षद श्वेता निगम को स्वास्थ्य खराब होने के कारण पहले मतदान करने की अनुमति दी गई। भाजपा विधायक अनिल बाजपेयी वोट डालने के लिए स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण व्हीलचेयर पर बैठकर आए।

दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार, नगर निगम चुनावों के बाद सदन के पहले सत्र में महापौर और उप महापौर का चुनाव किया जाता है।

नगर निगम चुनाव हुए हालांकि दो महीने से अधिक समय हो गया है जो पिछले साल चार दिसंबर को हुए थे।

नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।

इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया।

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