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अर्जेंटीना संकट पर छोटे किसान: ज़मीन का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, बाज़ार का नहीं

उस वक़्त अर्जेंटीना गोमांस का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक भी था।
अर्जेंटीना के किसान

तीस साल पहले मेरे अर्थशास्त्र की पाठ्य पुस्तक में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वाले भाग में अर्जेंटीना के बारे में उल्लेख था। लेखक ने कहा यह बेहतर होगा कि अर्जेंटीना गोमांस के उत्पादन और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करे, जबकि जर्मनी को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। तुलनात्मक लाभ सिद्धांत का यह सार था- अपनी अर्थव्यवस्था को विविधता देने की बजाय आप जिस चीज़ में अच्छे हैं, उसी पर ध्यान केन्द्रित करेंI यह अशिष्ट लगा। इसने कच्चे माल का उत्पादन करना अर्जेंटीना के लिए निषिद्ध कर दिया, जबकि जर्मनी तकनीकी विकास के साथ आगे बढ़ गया।

उस वक़्त अर्जेंटीना गोमांस का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक भी था। हम होज़े हर्नान्डेज़ के महाकाव्य मार्टिन फिएरो के बारे में नहीं जानते थे, जो कि पाम्पाज़ के गाउचो (आरेंटीना के मैदानी इलाके पम्पास के चरवाहे को गाउचो कहा जाता है) के बारे में है, लेकिन हम जॉर्ज लुइस बोर्जेस की छोटी कहानियों से क्रूर कंपैड्रिटोस (हुडलम्स) और कुचिलेरस (चाकूओं वाले लड़ाके) के बारे में जानते थे। यहाँ चरवाहे मिले-जुले होते थे, जो अर्जेंटीना के मैदानी इलाके में अपने घोड़ों पर घूमते थे और बाज़ार जाने के लिए अपने मवेशियों को इकट्ठा करते थे।

अब ये घुड़सवार अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था को परिभाषित नहीं करते। सोयाबीन किसान को देश के भाग्य के नायक के रूप में चित्रित करना ज़्यादा सटीक होगा। इसकी बड़ी वजह चीनी बाज़ार का विकास है, जहाँ बढ़ते जीवन स्तर ने लोगों की खान-पान सम्बन्धी आदतों को बदल दिया है, यहाँ अब माँस की खपत बढ़ गयी है। सोयाबीन चीन के सूअरों को खिलाने के लिए जाता है। यह उल्लेखनीय है कि 1960 से 2013 तक विश्व सोयाबीन कृषि क्षेत्र 20 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 120 मिलियन हेक्टेयर हो गया। अर्जेंटीना चीनी बाज़ार के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक बन गया। चार समस्याएं अर्जेंटीना के सोयाबीन व्यापार को संकट में डालती हैं:

1. सोयाबीन की क़ीमत में कमी आई है, अर्जेंटीना अधिक मात्रा में बेच रहा है फिर भी इसके किसानों को इसके विक्रय पर कम लाभ मिलता है। साल 2012 में सोयाबीन 17.5 अमेरिकी डॉलर/बुशेल में बेचा गया, लेकिन अब यह 8.4 अमेरिकी डॉलर/बुशेल पर बिकता है।

2. चीन सोयाबीन तेल की बजाय अधिक कच्चे सोयाबीन खरीदता है, जिसका मतलब है कि यह अपने उद्योगों के लिए सोयाबीन उत्पादन के मूल्य-वर्धित हिस्सों को अपने पास रखता है।

3. अर्जेंटीना की दक्षिण-पंथी सरकार ने सोयाबीन निर्यात पर करों में कटौती की, जिसने उसके सार्वजनिक राजस्व को नुकसान पहुँचाया। अब मुद्रा संकट के चलते सरकार इन करों को फिर से लागू करने जा रही है।

4. अकाल ने अर्जेंटीना की सोयाबीन फसल को नुकसान पहुंचाया, जिसकी भरपाई के लिए इन उद्योग ने संयुक्त राज्य अमेरिका में किसानों से 120,000 टन खरीदा। अर्जेंटीना के सोयाबीन क्षेत्र को पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना जारी रहेगा। सोयाबीन मिट्टी को निथार देता है।

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हमें कौन याद करता है?

सोयाबीन उत्पादन अर्जेंटीना की कृषि योग्य भूमि के लगभग आधे हिस्से में होता है। अब पशु नहीं है जो पम्पास से होकर गुजरे; अब सोयाबीन के फूल ही है जो हवा में झुके हुए हैं।

वाइल्डो मुझे खेतों में घुमाते हैं

वाइल्डो इजागुइरे कृषि के बारे में बात करना पसंद करते हैं। वह केवल एक हेक्टेयर भूमि पर कृषि करते हैं, जिसे उन्होंने एक रियल एस्टेट कंपनी से पट्टे पर लेते हैं। इस भूमि पर वाइल्डो को रचनात्मक होने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह भूमि ला प्लाटा शहर के पास है, जिसका बाज़ार वाइल्डो जैसे बोलिवियाई प्रवासी किसानों द्वारा उगाए गए ताज़े फसल पर जीवित है। लकड़ी और प्लास्टिक कनवास से बने ग्रीनहाउस में किसान टमाटर और मिर्च, चार्ड और सलाद पत्ता उगते हैं। घर के बने उर्वरक के बैरल खेत की किनारों को रेखांकित करते हैं। इनमें से कुछ क्षेत्रों में कार्बनिक विधि में काम किया जाता है, लेकिन अन्य - जैसे कि टमाटर उगाने वाले - को रसायनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। वाइल्डो का फार्म बिल्कुल साफ है। वह उस पर कड़ी मेहनत करते हैं। जब मैं इसका जिक्र करता हूं तो वह गर्व से मुस्कुराते हैं।

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ग्रीनहाउस में वाइल्डो

वाइल्डो जैसे छोटे किसानों को अस्तित्व में रहना मुश्किल होता है। उनकी लागत का आधा हिस्सा किराए में चला जाता है, जबकि एक तिहाई बिजली पर ख़र्च होता है। एंटोनियो गार्सिया के साथ-साथ एल्सा और मैबेल यानाजे जैसे किसान भी सुझाव देते हैं- कि किराया उनके लिए एक मृत बोझ जैसा है। भूमि की लागत बहुत ज़्यादा है और भूमि पर उनका कार्यकाल अनिश्चित है। यह किसानों को खेत में पूंजीगत सुधार करने से रोकता है या यहाँ तक कि अपने मेहनत को अधिक उत्पादक बनाने के लिए उपकरण (जैसे कि ट्रैक्टर) ख़रीदने से भी रोकता है। न तो ये किसान खेतों के मालिक होते हैं और न ही वे बाजार के रास्तों को नियंत्रित करते हैं। ब्रोकर उनके उत्पाद को सबसे कम क़ीमत पर ख़रीदते हैं और फिर उन्हें सीधे प्रोसेस करने या सुपरमार्केट में बेचेने के लिए ले जाते हैं। कृषि की तुलना में पैसा कहीं और कमाया जाता है।

वाइल्डो और उनके आस-पास के किसान बहिष्कृत श्रमिकों के आंदोलन (मूवमेंट ऑफ द एक्सक्लूडेड वर्कर्स-एमटीई) से जुड़े हैं जो कि लोकप्रिय अर्थव्यवस्था में श्रमिकों के संघ(कनफेडरेशन ऑफ वर्कर्स इन द पोपुलर इकॉनोमी-सीटीईपी) का हिस्सा है। 'लोकप्रिय अर्थव्यवस्था' (ला इकॉनोमिया पोपुलर) की अवधारणा अनौपचारिक क्षेत्र के भीतर की गतिविधियों को संदर्भित करती है जो इस क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार की गई हैं, न कि संचय की श्रृंखला जो उनका अधिकतम लाभ लेती है। इस साल फरवरी महीने में सीटीईपी और एमटीई के 40,000 श्रमिकों ने खाद्य आपातकाल की घोषणा की मांग करते हुए अपने प्रांतीय सरकार के मुख्यालय तक मार्च किया। ये वे लोग हैं जो भूमि के लिए काम करते हैं और जो शहर को साफ रखने के लिए काम करते हैं, लेकिन उनके पास बहुत कम भोजन है। भूखमरी उनका पीछा करती है। यह भूख ही है जो अर्थव्यवस्था को मंद करती है और गरिमा की कमी इन श्रमिकों को सीटीईपी और एमटीई जैसे समूहों की ओर ले जाती हैं।

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सीटीईपी प्रदर्शन

सीटीईपी कार्यालय (ब्यूनस आयर्स) में मैंने सीईटीपी के एक नेता जुआन ग्रैबोइस से मिला। अर्जेंटीनियाई वाम के अधिकांश नेता युवा हैं - जुआन की उम्र केवल 35 वर्ष है। इसे याद रखना होगा कि जुंटा सैनिकों ने अर्जेंटीना पर 1976 से 1983 तक वाम नेतृत्व के सभी नेताओं को मार डाला था। जुआन ग्रैबोइस जैसे युवा पुरुष और महिलाएं 2001-02 में आए। यह ऐसा समय था जब उनका देश आईएमएफ नीति निर्माण के संकट की घड़ी में शाब्दिक रूप से लगभग भंग हो गया था। सभी दिशाओं में अर्जेंटीना में उबाल आ गया, आम लोगों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और बर्तन बजाने लगे - ये लोग पिक्टेरियो थे। जुआन ग्रैबोइस और मिलाग्रो साला (अब जेल में हैं) के साथ-साथ राजनीतिक दल पैट्रिया ग्रांडे के मैनुएल बरटोल्डी और ईटाई हगमैन जैसे युवा लोग इसी अवधि में सामने आए। उन्होंने बेरोज़गार श्रमिकों के आंदोलन और बहिष्कृत श्रमिकों के आंदोलन, छात्र समूहों और नारीवादी समूहों, स्वदेशियों और निराश लोगों के लिए मंच को इकट्ठा किया। ये युवा लोग आज वास्तविक वाम अर्जेंटीना के तीव्र पुनर्विकास की रीढ़ है।

हम अर्जेंटीना की आर्थिक परेशानियों के बारे में बात करते हैं क्योंकि इसकी मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले गिर रही है। उनके पास सामाजिक मज़दूरी को लेकर दिलचस्प विचार हैं जो एक नई अर्जेंटीनियाई परियोजना तैयार करने की जरूरत है - जिसमें से एक जैसा कि वह कहते हैं, 'समाज के किसी भी सदस्य को वंचित नहीं होना है और हर व्यक्ति जीने का रास्ता ढूंढ सकता है। यदि ऐसा कोई नया आधार नहीं बनाया गया है, तो वह महसूस करता है, अर्जेंटीना - दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह - स्थायी अराजकता में चला जाएगा। ये संकट सैन्य बल के ज़रिए संभाला नहीं जा सकता है। क्षितिज पर कोई नई तानाशाही नहीं है। मुसीबत को समाप्त करने के लिए पुलिस अधिक आंसू गैस नहीं छोड़ सकती है।

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एक तरफ पुलिस, दूसरी तरफ श्रमिक

सीटीईपी और एमटीई के लोग गंभीर हैं। ग्रामीण इलाकों में मैंने एमटीई द्वारा स्थापित एक प्रसंस्करण शेड का दौरा किया। यहाँ, ये संगठन उत्पादन का भंडारण करता है और किसानों को बेहतर सौदा कराने की प्रक्रिया करता है। एमटीई से जुड़े मारिया यूजेनिया अंबार्ट मुझे एमटीई की काम करने की सीमा के बारे में बताता है। कुछ साल पहले एमटीई ने बैरियोस डी पाई (अर्जेंटीना के पड़ोस में स्थित एक उग्रवादी समूह) के साथ भूखमरी के संकट को ध्यान में रख कर सड़कों पर सामुदायिक रसोई बनाया।

वाइल्डो छोटे किसानों के दार्शनिक हैं। वह कहते हैं, 'भूमि' की 'भविष्यवाणी' की जा सकती है। वह जानते है कि कब टमाटर की फसल लगानी है और कब उसे तोड़ना है। वह कहते हैं कि जो भविष्यवाणी योग्य नहीं है, वह है बाज़ार। वाइल्डो ऐसी दुनिया में जीना चाहते हैं जहाँ उन्हें पूंजी की शक्ति से परिभाषित नहीं किया जाता हो। यही वह दुनिया है जिसे वह बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

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