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इमारत ढही : सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां-पत्नी की मौत, पिता और बेटा अस्पताल में भर्ती

इस हादसे में अब तक दो महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है जबकि घायल 10 अन्य लोगों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
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राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में एक बहुमंजिला इमारत ढहने के 18 घंटों बाद भी मलबे से लोगों को निकालने का अभियान जारी है। यह इमारत सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर के परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूट पड़ी जिससे उनकी मां और पत्नी की मौत हो गई, जबकि उनके पिता और छह वर्षीय बेटा अस्पताल में भर्ती है।

हजरतगंज क्षेत्र के वजीर हसन मार्ग पर स्थित अलाया अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों का आशियाना

मंगलवार शाम तेज धमाके की आवाज के साथ एकाएक जमींदोज हो गया। हर तरफ चीख-पुकार, अपने अपनों को खोने की घबराहट और आशंकाओं के बीच मलबे से लोगों को बाहर निकालने का अभियान शुरू हुआ जो अभी तक जारी है।

इस हादसे में अब तक दो महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है जबकि घायल 10 अन्य लोगों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता अब्बास हैदर के परिवार पर तो मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस घटना में उनकी मां बेगम हैदर (72) और पत्नी उजमा (46) की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उनके पिता वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमीर हैदर और छह साल का बेटा मुस्तफा अस्पताल में भर्ती हैं।

गमजदा हैदर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि उनकी तो मानो दुनिया ही उजड़ सी गई है, एक झटके में उनका मां और बीवी से साथ छूट गया। उन्होंने कहा कि यह जख्म शायद कभी नहीं भर पाएगा।

उन्होंने प्रशासन पर बचाव कार्य में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘प्रशासनिक अधिकारियों ने समय से ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं की और बचाव कार्य को गंभीरता से लेने के बजाय मीडिया से फोटो खिंचवाने में मशगूल रहे।’’

त्रासदी की पहली शिकार अब्बास हैदर की मां बेगम हैदर थीं। उन्हें मरणासन्न स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनकी पत्नी उजमा हैदर को भी बचाव दल ने मलबे से निकाला और बेहद गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, मगर उन्हें भी नहीं बचाया जा सका।

एक चश्मदीद ने बताया कि जब उन्हें (उजमा) को बाहर निकाला गया, तो उनके शरीर से खून बह रहा था। उनके सिर और पूरे शरीर पर खून देखा जा सकता था और उनके जिंदा बचने की संभावना कम थी।

बचाव दल मौके पर पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारी संपूर्ण अभियान की देखरेख में जुटे हैं। कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने खुद मौके का दौरा किया और मीडिया को अभियान के बारे में जानकारी दी। वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक भी वहां देखे गए।

अलाया अपार्टमेंट का निर्माण सपा नेता शाहिद मंजूर की जमीन पर किया गया था। उन्होंने इसे एक बिल्डर को दिया था।

सपा विधायक अरमान खान और रविदास मेहरोत्रा ​​ने भी घटनास्थल का दौरा किया। मेहरोत्रा ​​​​ने कहा कि इमारत के तहखाने में खोदाई चल रही थी।

मेहरोत्रा ने कहा कि जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है और लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि क्या जिस जमीन पर अपार्टमेंट बनाया गया है वह उनकी पार्टी के नेता का है। इसके जवाब में मेहरोत्रा ​​ने कहा कि यह पार्टी का मामला नहीं है, इसमें सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

एसडीआरएफ के एक जवान ने कहा कि वक्त बीतने के साथ मलबे से किसी के जिंदा निकलने की उम्मीद कम होती जा रही है। बचाव दल के सदस्य अत्यधिक सावधानी बरत रहे हैं और जानमाल के नुकसान से बचने के लिए भारी मशीनरी के उपयोग से बचा जा रहा है।

यह पता लगाने के लिए श्वान दल (डॉग स्क्वायड) को बुलाया जा रहा है कि मलबे में अब कोई दबा तो नहीं है।

अभियान के दौरान जब राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों द्वारा एक महिला को मलबे से बाहर निकाला गया, तो लोगों ने उसका मनोबल बढ़ाने के लिए ताली बजाई और ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।

हादसे के बाद इमारत की ओर जाने वाली सड़कों को मंगलवार शाम को बंद कर दिया गया था, मगर अब उन्हें खोल दिया गया है। हालांकि, किसी को भी घटनास्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

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