क्या कोरोना वैक्सीन के मामले में पीएम मोदी और बीजेपी के बड़े नेता आधारहीन बातें करते रहे हैं?
“मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है। यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए।”
ये बयान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का है। राजेश भूषण ने मंगलवार, पहली दिसंबर की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस वक्त सभी को हैरान कर दिया जब उनसे पूछा गया कि पूरे देश में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने में कितना वक्त लग सकता है? इसके जवाब में हेल्थ सेक्रेटरी ने साइंटिफिक मसलों पर तथ्यों के आधार पर ही बात करने करने की बात कही।
#WATCH "Govt has never spoken about vaccinating the entire country," says Health Secretary Rajesh Bhushan
"If we're able to vaccinate critical mass of people & break virus transmission, then we may not have to vaccinate the entire population," ICMR DG Dr Balram Bhargava added. https://t.co/HKbssjATjH pic.twitter.com/egEB1TAiC9
— ANI (@ANI) December 1, 2020
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का ये दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले किए गए वादे के उलट दिखाई पड़ता है, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि एक बार वैक्सीन आ जाने के बाद यह सभी भारतीयों को उपलब्ध होगी।
क्या कहा था प्रधानमंत्री ने?
पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर 2020 को अंग्रेजी अखबार इकॉनिक टाइम्स को दिए इक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना की वैक्सीन सबको मिलेगी। इस काम के लिए एक खास एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया है, जो वैक्सीनेशन के काम की रणनीति बनाएगा।
पीएम मोदी के अनुसार, “स्वाभाविक तौर पर शुरुआत में वैक्सीन देने का फोकस उन लोगों पर होगा, जो ये लड़ाई सबसे आगे लड़ रहे हैं। एक खास ग्रुप इस बारे में रणनीति तैयार कर रहा है। 28 हजार से ज्यादा कोल्ड चेन पॉइंट्स में वैक्सीन स्टोर की जाएगी, और फिर उसे बांटा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैक्सीन आखिरी कोने तक पहुंचे।”
सबको फ्री वैक्सीन चुनावी मुद्दा भी था!
बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना वैक्सीन को राजनीतिक मद्दा बनाकर अपने मेनिफेस्टो तक में शामिल किया था। बीजेपी की सरकार बनने पर सभी बिहारवासियों के फ्री में टीकाकरण का वादा किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 अक्तूबर को पटना में संकल्प पत्र जारी करते हुए बकायदा इसकी घोषणा की थी।
सीतारमण ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस के चार तरह के वैक्सीन बनाए गए हैं। एक बार जब इन वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा तब बिहार में यह सारे लोगों को मुफ्त दी जाएगी।
उसी समय बवाल बढ़ने के बाद उड़ीसा के बालासोर उपचुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन केवल बिहार ही नहीं पूरे देश के हर नागरिक को मुफ्त में दी जाएगी।
प्रताप सारंगी ने कहा था कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी से कई बार इस मसले पर बातचीत हो चुकी है और हम बता दें कि पूरे भारत में ये मुफ्त दी जाएगी।।
हैदराबाद के लोगों को भी फ्री में वैक्सीन!
आपको बता दें कि बिहार चुनाव की तरह ही ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी ने हैदराबाद के लोगों को फ्री में कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया है।
यहां महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी का मेनिफेस्टो जारी करते हुए कहा कि अगर हमारी पार्टी चुनाव जीतती है तो महानगर में सभी लोगों की कोरोना जांच मुफ्त में की जाएगी और वैक्सीन डोज भी सबको फ्री में लगाई जाएगी।
गौरतलब है कि अपने बयान में हेल्थ सेक्रेटरी ने साइंटिफिक मसलों पर तथ्यों के आधार पर बात करने की बात कही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी सहित बीजेपी के ये तमाम बड़े नेता महामारी जैसे बड़े मुद्दे पर आधारहीन बातें कर देश को गुमराह कर रहे हैं।
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी बीजेपी और खुद पीएम मोदी कई बार अपने ‘साइंटिफिक और तथ्यों’ से परे बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। दुनिया की पहली सर्जरी के नाम पर गणेशजी का उदाहरण हो या बादलों की मौजूदगी में रडार से बचने का नुस्खा हो। काला धन वापसी को लेकर 15 लाख सभी के खातों में मिलने का जुमला हो या या अच्छे दिन और किसानों की आमदनी दोगुनी करने समेत तमाम वादे और दावे। हर बार पार्टी और नेता ऐसे बयानों को लेकर फ़ज़ीहत में ही नज़र आते हैं।
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