तीसरी लहर को रोकने की कैसी तैयारी? डॉक्टर, आइसोलेशन और ऑक्सीजन बेड तो कम हुए हैं : माकपा
भोपाल। देश में फिर से कोरोना ने रफ़्तार पकड़ ली है, कोरोना की तीसरी लहर जब दस्तक दे चुकी है। इस बीच राज्य सरकारों पर दायित्व है की वो अपनी स्वस्थ्य व्यस्था दुरुस्त करे। लेकिन अभी भी देश के कई राज्य सरकारें इस पर ध्यान न देकर बयानबाजी में लगी हुईं हैं। इसी तरह का आरोप वाम पंथी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) मध्य प्रदेश की सरकार पर लगा रही है। उसका कहना है कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को कोरोना से सुरक्षित करने के लिए अस्पतालों और डॉक्टरों सहित उपचार की समूची व्यवस्था करने की बजाय बयानबाजी में ज्यादा समय बर्बाद कर रही है।
आज प्रदेश में मध्य प्रदेश से 3,160 नए मामले आए है जबकि एक्टिव केसों कि संख्या 11 हज़ार को पार कर चुकी है। वही देशभर की बात करे तो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज बुधवार, 12 जनवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटों में कोरोना के 2 लाख के क़रीब यानी 1,94,443 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कोरोना से 24 घंटों में 442 मरीज़ों की मौत हुई है। साथ ही इसी बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 60,405 मरीज़ों को ठीक किया गया है। और एक्टिव मामलों में आज फिर एक लाख से ज़्यादा यानी 1,33,873 मामलों की बढ़ोतरी हुई है।
माकपा के मध्य प्रदेश के राज्यसचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश भर में दूसरी जहर की तुलना में डॉक्टरों की संख्या में 38 प्रतिशत और आइसोलेशन बेड की संख्या में 43.5 प्रतिशत की कमी कर दी गई है। तो क्या नाइट कर्फ्यू, कोरोना गाइडलाइन जारी करने पर भर से प्रदेश के नागरिकों के जीवन की रक्षा की जा सकती है?
माकपा नेता के अनुसार दूसरी लहर की तुलना में डॉक्टरों की संख्या 1132 से घट कर 705 हो गई है। जिससे 427 डाक्टर कम हो गए हैं। इसी तरह आइसोलेशन बेड की संख्या 29247 से घटकर 16527 रह गई है। दूसरी लहर की तुलना में यह कमी 12,720 बेड की है। इसी प्रकार ऑक्सीजन बैड भी 28,152 से घटाकर 27,645 कर दिए गए हैं।
जसविंदर सिंह के अनुसार यह कमी ही दर्शाती है कि प्रदेश की भाजपा सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करने की बजाय नागरिकों की जान जोखिम में डालने की तैयारी कर रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि प्रतिबंधों की बजाय सरकार को चिकित्सा प्रबंधों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आम नागरिकों के जीवन की रक्षा की जाये। माकपा ने तुरंत चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुधारने की मांग की है।
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