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लखनऊ: सरकार की वादा ख़िलाफ़ी से नाराज़ अभ्यर्थियों ने किया बीजेपी मुख्यालय का घेराव

मुख्यालय का घेराव कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरन घसीटकर हटा दिया।
lucknow

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में, 69 हज़ार  शिक्षक अभ्यर्थियों में से, आरक्षित 6800 अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से आक्रोशित सैकड़ो की संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। हालाँकि नियुक्ति पत्र दिए जाने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने जबरन घसीटकर वहां से हटा दिया।

आज 6 नवंबर की सुबह सरकार की वादा खिलाफी ने नाराज़ अभ्यर्थियों की एक  बड़ी संख्या विधानसभा मार्ग स्थित बीजेपी मुख्यालय के बाहर जमा हो गई। बताया जा रहा है कि आज बीजेपी के मुख्यालय पर पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा की एक बैठक प्रस्तावित थी। माना जा रहा था की बैठक में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी आना था। 

बीजेपी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ देखकर स्थानीय पुलिस के होश उड़ गये। दरअसल  69000 शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की विसंगति में संशोधन के बाद भी नियुक्ति न मिलने से नाराज चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी योगी आदित्यनाथ  सरकार से नाराज़ हैं।

अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती देख आज उन्होंने सड़क पर उतरने का फैसला किया। आक्रोशित अभ्यर्थियों ने बीजेपी मुख्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए तुरंत नियुक्ति पत्र दिए जाने की मांग की है।

आज हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनके द्वारा आधी आबादी को अधिकार के साथ रोज़गार दिए जाने की मांग की गई। महिला अभ्यर्थियों को महिला पुलिसकर्मियों द्वार खींच कर बीजेपी मुख्यालय से हटाया गया।

प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल आ गया, जो प्रदर्शनकारियों को पार्टी मुख्यालय के मुख्य गेट से हटाने की कोशिश कर रहा था। प्रदर्शनकारी नियुक्ति की मांग को लेकर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व से मिलने की कोशिश कर रहे थे। नाराज़ प्रदर्शनकारी बीजेपी मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये। प्रदर्शन के कारण विधानसभा मार्ग पर यातायात ठप हो गया।

बीजेपी मुख्यालय पर जमा अभ्यर्थियों ने कहा कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले के कारण उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि सरकार ने विसंगति को दूर करते हुए 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की एक चयन सूची जारी कर नियुक्ति देने की बात कही थी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बार-बार मुलाक़ात में केवल आश्वासन देते हैं, लेकिन मामले को निस्तारित नहीं कर रहे जिस कारण यह प्रदर्शन किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का आरोप है कि बेसिक शिक्षा विभाग से कई बार बातचीत की गई लेकिन नियुक्ति पत्र अभी तक नहीं दिया गया। जबकि योगी सरकार ने 2022 चुनाव के दौरान नियुक्ति देने का आश्वासन भी दिया था।

धरने पर बैठे अभ्यर्थियों  हाथ में बैनर पोस्टर भी लिए थे। जिन पर लिखा था “पिछड़े और दलितों के आरक्षण पर ये नेता मौन क्यों?” “आरक्षण भीख नहीं अधिकार है”। इसके अलावा प्रदर्शन करने आये अभियार्थियों ने अपने बैनर बीजेपी मुख्यालय के दरवाज़े पर भी लगा दिए, जिनपर लिखा था “69000 शिक्षक भर्ती घोटाला आरक्षण घोटाला”, मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा था,“योगी जी वादा पूरा करो इस बार पिछड़े दलित गुमराह नहीं होंगे” “6800चयनित पिछड़े दलित शिक्षक”। 

अभ्यर्थियों के घेराव और प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ पुलिस प्रशासन ने उन्हें घसीट कर वहां से हटाया। इस दौरान वह नारे लगा रहे थे “योगी बाबा न्याय करो', 'योगी बाबा नियुक्ति पत्र दो.” प्रदर्शनकारियों के अनुसार पुलिस द्वारा उन्हें बस में बैठाकर इको-गार्डन ले जाया गया। 

अभ्यर्थियों ने बताया, आरक्षित अभ्यर्थियों की तमाम दलीलों को कोर्ट ने भी स्वीकार किया है और फिर लिस्ट बनाने के आदेश दिए हैं। वह कहते इसमें बड़ी बात ये है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने माना है कि भर्ती के दौरान आरक्षण का घोटाला हुआ।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विजय यादव ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए  कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई थी। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। यादव के अनुसार इस संबंध में कई बार आंदोलन, धरना प्रदर्शन होने  के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था।

उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की गई थी।

यादव ने कहा कि अभ्यर्थियों को अभी तक इंसाफ नहीं मिल सका है। अभ्यर्थियों की मांग है कि योगी सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें।

इस बारे में जब बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप से संपर्क किया तो  उन्होंने कहा की यह बड़ा मामला है। पूर्व सांसद ने कहा कि उनसे भी इस सिलसिले में एक प्रतिनिधिमंडल मिला था, लेकिन इस मामले में निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ही लिया जायेगा।

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