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यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बीजेपी नेता बृजभूषण के ख़िलाफ़ प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी

ख़बर लिखे जाने तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई अन्य खिलाड़ी धरने पर बैठे हुए हैं। खेल मंत्रालय की तरफ़ से उन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया है।
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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय पहलवानों का विरोध प्रदर्शन मौन व्रत के तौर पर आज गुरुवार, 19 जनवरी को दूसरे दिन भी जंतर-मंतर पर जारी है। ओलंपिक्स, एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को कई पदक दिलाने वाली महिला कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत देश के 30 से अधिक दिग्गज पहलवानों ने संघ पर यौन शोषण, अत्याचार और साजिश का आरोप लगाया है। फ़िलहाल केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगते हुए 72 घंटों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है। वहीं, 18 जनवरी से लखनऊ में शुरू होने वाले महिला पहलवानों का कैंप भी रद्द हो गया है।

बता दें कि 1991 में पहली बार गोंडा से सांसद बने बृज भूषण भारतीय जनता पार्टी के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं। वे साल 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। 2019 में वे कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए। बृज भूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक हिंदूवादी नेता के तौर पर बनाई है और वो अयोध्या के बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के अभियुक्त भी रहे हैं। अपने विवादित बयानों के चलते वे हमेशा सुर्ख़ियों में रहे हैं। अतीत में उन पर हत्या, आगज़नी और तोड़-फोड़ करने के भी आरोप लग चुके हैं। पिछले दिनों झारखंड में अंडर-19 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान एक रेसलर को मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था। अब महिला पहलवानों के गंभीर आरोप के बाद भी अभी तक उन पर पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो उन्हें और पूरी भारतीय जनता पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।

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क्या है पूरा मामला?

भारतीय कुश्ती महासंघ बुधवार, 18 जनवरी को उस वक्त अचानक ख़बरों में आ गया, जब देश के जाने माने दिग्गज पहलवान फेडरेशन के ख़िलाफ़ राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने बैठ गए। इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर कुश्ती संघ को मनमाने तरीक़े से चलाने का आरोप लगाया है। धरने पर बैठी महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रेसिडेंट पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

विनेश फोगाट 2022 के कॉमन वेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट रही विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोच महिलाओं को परेशान कर रहे हैं और फेडरेशन के कुछ चहेते कोच तो महिला कोचों के साथ अभद्रता भी करते हैं। विनेश ने भावुक होकर बताया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन शोषण किया है।

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खिलाड़ियों का मेंटल टॉर्चर होता है

उन्होंने आगे बताया, "अध्यक्ष हमारी निज़ी जिंदगी में दख़ल देते हैं वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक खेलने जाते हैं तो न तो हमारे पास फ़िज़ियो होता है न कोई कोच और जब हमने अपनी आवाज़ उठाई तो उन्होंने हमें धमकाना शुरू कर दिया। एक दौर ऐसा भी आया कि मेरा इतना मेंटल टॉर्चर हुआ कि मैं ख़ुदकुशी करने की सोचने लगी थी। मैं हर दिन ख़ुदकुशी करने की सोचने लगी थी। हमारा इतना मेंटल टॉर्चर होता है कि मुझे कहा जाता है 'मैं मानसिक रूप से कमज़ोर हूं'। हर एथलीट को पता है कि हमारे साथ क्या गुज़र रही है। अगर हमारे किसी भी खिलाड़ी को कुछ भी होता है तो उसकी ज़िम्मेदारी हमारे फ़ेडरेशन की होगी।"

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समर ओलंपिक्स 2016 में भारत को मेडल दिलाने वाली साक्षी मलिक ने कहा कि टूर्नामेंट हर महीने में निर्धारित किया हुआ है, अगर कोई खिलाड़ी किसी वजह से नहीं खेल पाता तो उसे बैन कर दिया जाता है। उन्होंने ये भी कहा कि खिलाड़ी पूरी मेहनत करके देश को मेडल दिलाता हैं लेकिन फेडरेशन ने उन्हें नीचा दिखाने के अलावा कुछ नहीं करता। संघ द्वारा मनचाहे क़ायदे क़ानून लगा कर खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले बजरंग पूनिया ने मीडिया से कहा, "हम चाहते हैं कि फेडरेशन का बदलाव हो। भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा पहलवानों को परेशान किया जा रहा है। जो लोग डब्ल्यूएफ़आई का हिस्सा हैं, उन्हें इस खेल के बारे में कुछ नहीं पता है।"

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बृज भूषण सिंह का पलटवार

दिग्गज़ पहलवानों के आरोपों पर महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह ने भी पटलवार करते हुए ख़ुद को पाक-साफ बताया। उन्होंने यह दावा करते हुए कि किसी भी एथलीट का यौन शोषण नहीं हुआ है, ये भी कहा कि 'अगर ये आरोप सच साबित होता है तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं।'

बृज भूषण सिंह ने विनेश फोगाट के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, "उनके पास आरोपों का कोई सबूत नहीं है। कोई भी आदमी ऐसा है जो कह सके कि कुश्ती संघ में एथलीटों का उत्पीड़न किया गया है। कोई तो होना चाहिए? क्या पिछले 10 सालों से फ़ेडरेशन से उन्हें कोई दिक़्क़त नहीं थी।"

दिल्ली महिला आयोग ने लिया संज्ञान

कुश्ती खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन पर दिल्ली महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इन खिलाड़ियों से मुलाक़ात कर कहा कि इन खिलाड़ियों ने हमारे तिरंगे की शान बढ़ाई है और ये बड़े दुख की बात है कि उन्हें आज इस कड़ाके की सर्दी में सड़क पर बैठना पड़ रहा है। हम मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं।

22 जनवरी को चंडीगढ़ में 15 से अधिक संगठनों का प्रदर्शन

अंतराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी और अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष जगमति सांगवान ने भी एक वीडियो जारी कर इन महिला पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए 22 जनवरी को चंडीगढ़ में 15 से अधिक संगठनों के साथ प्रदर्शन का आह्वान किया है। जगमति का कहना है कि वो बीते 15 दिन से हरियाणा राज्य में बीजेपी के नेता संदीप सिंह को गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकारी मशीनरी उन्हें बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा व देश की महिला खिलाड़ियों के साथ खड़े होने का समय है।

ग़ौरतलब है कि ख़बर लिखे जाने तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई अन्य खिलाड़ी धरने पर बैठे हुए हैं। खेल मंत्रालय की तरफ़ से उन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया है। बजरंग पुनिया के मुताबिक़ चार पहलवानों का प्रतिनिधिमंडल खेल मंत्रालय से बातचीत के लिए जाएगा। अगर यह बातचीत सफल रही तो प्रदर्शन आज ही ख़त्म हो सकता है। फ़िलहाल पुलिस और प्रशासन भी 26 जनवरी की तैयारियों को देखते हुए इनको प्रदर्शन से हटाने की तैयारी भी कर रहा है।

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