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नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों ने नियमित सेवाओं का किया बहिष्कार

‘‘ओपीडी सेवाएं निलंबित करने से प्राधिकारियों से कोई ठोस जवाब नहीं मिला तो हमें दुख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि हम फोरडा द्वारा बुलाए देशव्यापी प्रदर्शन के समर्थन में तीन दिसंबर से अपनी सभी नियमित सेवाओं को निलंबित करेंगे।’’
NEET-PG 2021 counseling
Image courtesy : Mint

नयी दिल्ली: नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी को लेकर फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) द्वारा आहूत प्रदर्शन को तेज करते हुए दिल्ली के सरकारी आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को सभी नियमित सेवाओं का बहिष्कार कर दिया।

लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल जैसे दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी में अपनी सेवाएं देने से इनकार कर दिया। हालांकि, आपात सेवाएं दी गयीं।

विभिन्न अस्पतालों के परिसरों में कुछ डॉक्टर इकट्ठा हो गये और उन्होंने नारेबाजी की। उनके हाथों में तख्तियां थीं।

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रशासन को आगाह किया है कि अगर नीट-पीजी काउंसलिंग को तत्काल पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उसके सदस्य आपात सेवाओं का बहिष्कार करेंगे।

आरडीए ने कहा, ‘‘नीट-पीजी, 2021 काउंसलिंग में देरी के लिए जिम्मेदार शासकीय निकाय के असंवेदनशील रवैये के कारण हम तीन दिसंबर से तब तक आरएमएल अस्पताल में सभी नियमित सेवाओं (ओपीडी, विशेष क्लीनिक, आईपीडी, इलेक्टवि ओटीएस) का बहिष्कार करने के लिए विवश हैं, जब तक हमारी वास्तविक मांगें पूरी नहीं की जाती हैं।’’

उसने कहा, ‘‘अस्पताल में सभी आपात सेवाएं पहले की तरह चलेंगी। अगर पक्षकारों ने नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग को तत्काल पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो हमें आपात सेवाओं को बंद करने का कठिन फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी।’’

आरएमएल रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य आरडीए के साथ मिलकर यह फैसला लिया गया है तथा उनसे मुलाकात करने के बाद कार्य योजना तय किया जाएगा।

आरडीए ने कहा कि कोविड की नयी लहर आने की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को चरमराने से रोकने के लिए जल्द से जल्द काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

उसने कहा, ‘‘हम सभी पक्षकारों और प्रशासनिक प्राधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो।’’

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार के तीन अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने काउंसलिंग में देरी के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर 27 नवंबर से 29 नवंबर तक ओपीडी सेवाएं बंद करने का फैसला किया था।

सफदरजंग अस्पताल के आरडीए ने कहा कि मंत्रालय और संबंधित प्राधिकारियों को कई बार याद दिलाने के बावजूद नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में बार-बार देरी हुई है। उसने कहा, ‘‘कोविड-19 की तीसरी लहर आने का खतरा है, हम यह दोहराना चाहते हैं कि हमारे पास कर्मियों की काफी कमी है क्योंकि अभी तक 2021 बैच के पीजी रेजीडेंट डॉक्टरों की भर्ती नहीं हुई है।’’

एसोसिएशन ने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टर थक गए हैं लेकिन फिर भी वे धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहे हैं और मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। उसने कहा, ‘‘ओपीडी सेवाएं निलंबित करने से प्राधिकारियों से कोई ठोस जवाब नहीं मिला तो हमें दुख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि हम फोरडा द्वारा बुलाए देशव्यापी प्रदर्शन के समर्थन में तीन दिसंबर से अपनी सभी नियमित सेवाओं को निलंबित करेंगे।’’

आरडीए ने कहा, ‘‘हम आपात सेवाओं को जारी रखेंगे। लेकिन स्वास्थ्य देखभाल पर असर डालने वाली किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जिम्मेदारी संबंधित प्राधिकारियों पर होगी।’’

लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के आरडीए ने भी अस्पताल के निदेशक को ऐसा ही चेतावनी भरा पत्र भेजते हुए शुक्रवार से सभी नियमित सेवाओं को वापस लेने की सूचना दी है।

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के आरडीए अध्यक्ष केशव सिंह ने कहा, ‘‘जूनियर रेजीडेंट एवं सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी कार्य तथा संबद्ध सेवाओं जैसे प्रयोगशाला जांच का बहिष्कार किया तथा केवल आपात सेवाएं दी गयीं। ओपीडी सेवाओं को केवल कॉलेज के शिक्षक संकाय ने ही संभाला।’’

इससे पहले डॉक्टरों ने 27 नवंबर से ओपीडी सेवाएं बंद करने दिया था। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) के महासचिव डॉ सुवरंकर दत्ता ने ट्वीट किया, ‘डॉक्टरों को सांसदों द्वारा राजनीति से प्रेरित पॉलिसी अपडेट के कारण क्यों नुकसान उठाना चाहिए? हम तत्काल नीट पीजी परामर्श और भर्ती की मांग करते हैं। अन्यथा, सरकार को देश भर के डॉक्टरों द्वारा राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी करनी चाहिए। अधिकांश राज्य आरडीए ने इस भागीदारी की पुष्टि की है।’

डॉक्टरों की नोटिस के अनुसार, ‘देश के पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए रेजिडेंट डॉक्टर, जो कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अग्रिम पंक्ति में लड़ रहे हैं, पहले से ही विलंबित नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के कुछ सकारात्मक परिणामों के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है। अगली अदालती सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है।’

नोटिस के अनुसार, ‘हम इसके द्वारा केंद्र सरकार और भारत के सर्वोच्च न्यायालय से रेजिडेंट डॉक्टरों की शिकायतों पर ध्यान देने और नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग के साथ-साथ प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाने और अदालती कार्यवाही को तेजी से ट्रैक करने के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह करते हैं।’

समाचार एजेंसी आईएनएस के मुताबिक़ फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएफए) के महासचिव डॉ मनीष झांगरा ने कहा, भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चला है और यह पूरे भारत में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए एक और दबाव पैदा करने वाला है क्योंकि हम पहले से ही मेडिकोज की कमी से पीड़ित हैं।

उन्होंने कहा कि अगर नी पीजी काउंसलिंग 2021 को तत्काल पूरा करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हम अपने विरोध के लिए कठोर से कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर होंगे।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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