नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर
जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने मंगलवार, 19 अप्रैल को ऐलान किया कि यूरोपीय संघ और नाटो यह सुनिश्चित करने को लेकर लमाबंद हो गये हैं कि रूस यूक्रेन में चल रहे युद्ध को कभी नहीं जीते पायेगा। यह युद्ध कब तक चलता रहेगा,बइसका क़यास लगा पाना मुश्किल है। उन्होंने यूक्रेन को और ज़्यादा हथियार देने का वादा किया है। इन हथियारों में टैंक रोधी और एयर डिफ़ेंस हथियार शामिल हैं।
स्कोल्ज़ का यह ऐलान नाटो के कई नेताओं के साथ उनकी बैठक के बाद हुई। स्कोल्ज़ ने उस बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारा साझा लक्ष्य यूक्रेन की सेना को हथियार देना जारी रखना है, ताकि वह हमलों से अपना बचाव करना जारी रख सके।"
कनाडा, ब्रिटेन, नीदरलैंड और रोमानिया सहित कई दूसरे देशों ने भी यूक्रेन को और ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति का वचन दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर ज़ेलेंस्की कुछ समय से विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। एक तरफ़ वह रूस के साथ बातचीत की ज़रूरत पर बल दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ पश्चिम से ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति किये जाने की बात कर रहे हैं। मंगलवार को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में उन्होंने दावा किया कि पश्चिम अगर यूक्रेन की ज़रूरत के सभी हथियार उपलब्ध करा देता है, तो वह जल्द ही इस युद्ध को ख़त्म कर पाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करना और "स्वतंत्रता की रक्षा में मदद करना" पश्चिम का "नैतिक कर्तव्य" है।
नीदरलैंड के प्रधान मंत्री मार्क रूट ने मंगलवार को एक ट्वीट में इस बात का दावा किया कि उनका देश अन्य सहयोगियों के साथ यूक्रेन को भारी हथियारों की आपूर्ति करेगा।
अमेरिका ने कुछ दिनों पहले कीव के लिए हथियारों के 80 करोड़ डॉलर के पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें बख़्तरबंद सैनिकों को ले जाने वाले वाहन और हेलीकॉप्टर शामिल हैं। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, इनमें से कुछ हथियारों को ले जाने वाले विमान पहले से ही यूक्रेन पहुंचने के रास्ते में हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी कहना है कि अमेरिका आने वाले दिनों में यूक्रेन को और सैन्य मदद मुहैया करायेगा।
यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के लिए रोमानिया ने अपने उस क़ानून में संशोधन शुरू करने का भी ऐलान कर दिया है, जो ग़ैर-नाटो सदस्य को हथियार भेजने पर रोक लगाता है।
युद्ध मे तेज़ी को लेकर चिंता
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने डोनबास क्षेत्र में नये सिरे से रूसी हमले के बारे में चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि नाटो सहयोगी यूक्रेन को स्पेयर पार्ट्स मुहैया करा रहे हैं, ताकि उसकी वायुशक्ति काम कर सके। हालांकि, इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि यूक्रेन की वायु शक्ति को मज़बूत करने से युद्ध में और तेज़ी आ सकती है।
I feel like I shouldn’t have to point out the obvious, but sending more weapons isn’t diplomacy, it’s adding fuel to the fire.
The US and EU aren’t interested in peace right now. Their arms dealer friends are too busy making billions of $ from the war in Ukraine. https://t.co/aA5lScM4zw— Richard Medhurst (@richimedhurst) April 19, 2022
रूस यह कहते हुए पहले ही पश्चिम को यूक्रेन को और ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति के ख़िलाफ़ चेतावनी दे चुका है कि इसका "अप्रत्याशित नतीजा" हो सकता है।
मंगलवार को सीएनएन की एक रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया था कि अमेरिकी सरकार इसे लेकर आश्वस्त नहीं है कि यूक्रेन को आपूर्ति किये जाने वाले इन हथियारों का इस्तेमाल कैसे और कहां किया जाता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को उन हथियारों की आपूर्ति करते समय बाइडेन प्रशासन एक "सतर्क जोखिम" ले रहा है।
History predicts that someday I’ll track some of these weapons to a new conflict that hasn’t even started yet. https://t.co/6CbU3jkOkH
— Brian Castner (@Brian_Castner) April 20, 2022
कई युद्ध-विरोधी समूहों और लोगों ने टकराव को और ज़्यादा बातचीत और ध्यान दिये जाने के ज़रिये हल करने के उनके प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय यूक्रेन को हथियारों की इस आपूर्ति पर पश्चिम के एकतरफ़ा ज़ोर दिये जाने और रूस पर ज़्यादा प्रतिबंध लगाने को लेकर गंभीर चिंता जतायी है।
We're calling on the govt to stop talking up war in #Ukraine and give its support to a negotiated peace by backing proposals now being discussed by President Zelensky and his Russian counterparts.
Add your name here: https://t.co/9v5a50AhPd#PeaceForUkraine #StopWarInUkraine— Stop the War (@STWuk) April 13, 2022
अमेरिका में युद्ध-विरोधी आंदोलन-CODEPINK ने यूक्रेन को हथियारों की इस आपूर्ति पर बाइडेन प्रशासन के एक अरब डॉलर से ज़्यादा ख़र्च किये जाने का यह कहते हुए विरोध किया है कि उन पैसों का इस्तेमाल इस देश के लोगों की भलाई के लिए किया जा सकता है।
In less than a week, the US has announced TWO military packages to Ukraine, totaling $1,600,000,000 in heavy weapons.
That's over a BILLION spent on militarism when 30 million+ Americans have no insurance, millions more are in poverty & the world careens toward climate calamity.— CODEPINK (@codepink) April 20, 2022
मानवीय संघर्ष विराम पर राजनीति
संयुक्त राष्ट्र में रूस के पहले उप स्थायी प्रतिनिधि, दिमित्री पॉलींस्की ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान कहा कि "यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों को लेकर पश्चिमी सहयोगियों की दिखायी देने वाली यह चिंता बहुत हद तक ‘ख़ुदगर्ज़ी और ख़ुद की चिंता है।" उन्होंने पश्चिम पर यूक्रेन लोगों को "रूस के ख़िलाफ़ छद्म युद्ध में बलि का बकरा" बनाये जाने को लेकर इस्तेमाल किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने यूक्रेन के लोगों पर जानबूझकर रूसियों की ओर से मुहैया कराये गये मानवीय गलियारों का दैनिक आधार पर इस्तेमाल नहीं करने का भी आरोप लगाया।
वह मंगलवार को यूक्रेन में चार दिवसीय मानवीय संघर्ष विराम के संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के सुझाव का जवाब दे रहे थे। ग़ौरतलब है कि गुटेरेस ने कहा था कि ईस्टर की छुट्टियों के मौक़े पर चार दिवसीय संघर्ष विराम लोगों को निकालने और युद्ध क्षेत्रों में फंसे लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए "आवश्यक माहौल प्रदान करेगा।"
गुटेरेस के इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के प्रमुख डेनिस पुशिलिन ने इसे "संभावित रूप से ख़तरनाक़" क़रार दिया। उनका कहना था कि यूक्रेन इस अवधि का इस्तेमाल अपनी स्थिति को फिर से संगठित करने और मज़बूत करने के लिए करेगा। ताश की रिपोर्ट के हवाले से पुशिलिन का कहना था कि, "यूक्रेन नागरिकों को मारने, हमारे घरों, अस्पतालों, स्कूलों को तबाह करने, हमें अपने अधिकारों और स्वतंत्रता से जिस हद तक मुमकिन है, उस हद तक वंचित करने के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेन किसी भी लिहाज़ से 'जान बचाने' की परवाह नहीं करता।"
इस बीच रूस ने मंगलवार को मारियुपोल शहर में बाक़ी यूक्रेनी सैनिकों को आत्मसमर्पण की पेशकश की समय सीमा बढ़ा दी है। यूक्रेनाई सैनिकों ने पहले रूसियों की ओर से खोले गये मानवीय गलियारे से निकलने से इनकार कर दिया था। आरटी की रिपोर्ट के हवाले से रूस क कहना है कि उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश नहीं देकर यूक्रेन की सरकार अपने ही सैनिकों के साथ छल कर रही है।
साभार : पीपल्स डिस्पैच
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