केरल की वाम सरकार ने महामारी के दौरान ग़रीबों के हित में सही फ़ैसला लिया
केरल में 21 अगस्त को पड़ने वाले ओणम के लिए जश्न पहले ही शुरू हो चुके हैं, इस बीच लेफ़्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन और फूड किट्स की आपूर्ति कर रही है।
कोरोना के बढ़ते मामलों में इन कदमों के लिए विपक्ष की आलोचना के बावजूद पिनराई विजयन की सरकार ने जोर देकर कहा है कि स्वास्थ्य तंत्र अच्छे तरीके से प्रतिक्रिया दे रहा है और सरकार किसो को भूखा और अकेला ना रहने देने की प्रतिबद्धता पर मजबूती से खड़ी है।
ओणम पर फ़ूड किट्स
केरल पहला राज्य था, जहां पिछले साल महामारी में सभी के लिए राशन और फूड किट्स उपलब्ध कराए जाने की घोषणा की गई थी। बल्कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सभी को मुफ़्त खाद्यान्न और आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए उनके घर पर खाना पहुंचाने की जाने की घोषणा पिछले साल लॉकडाउन लगाने के पहले 19 मार्च को ही कर दी थी।
एक बार जब लॉकडाउन लगाया गया, तो केरल ने मासिक राशन और किराना के साथ-साथ बड़े स्तर पर सामुदायिक रसोई द्वारा मुफ़्त खाना, जानकीय होटेल्स द्वारा सब्सिडी पर खाना जैसे कार्यक्रम शुरू कर दिए थे।
केरल ने लॉकडाउन के बाद भी कल्याणकारी मुहिम जारी रखीं। कुलमिलाकर 1,323 सामुदायिक रसोईयों में 76,53,728 लोगों का खाना बना। य सामुदायिक रसोई कुदुबाश्री कामग़ारों और स्थानीय स्वशासित सरकारी संस्थानों के ज़रिए चलाई गईं। करीब़ 75,51,860 लोगों को घर पर खाना पहुंचाया गया।
हालांकि विपक्ष ने फूड किट्स की मासिक आपूर्ति को चुनाव के दौरान यह कहकर रोकने का प्रयास किया कि इसका मक़सद मतदाताओं को प्रभावित करना है। लेकिन पिछली LDF सरकार का दावा था कि यह उस कवायद का हिस्सा है, जिसमें किसी को महामारी में भूखा रहने पर ना मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस नेताओं ने इस कदम का मजाक उड़ाते हुए मुख्यमंत्री को पचारी (कच्चा चावल विजयन) विजयन कहकर संबोधित किया।
विपक्ष की आलोचना और खिल्ली उड़ाए जाने के बावदूज केरल ने महामारी और लॉकडाउन में लोगों को भूखे रहने और खाद्यान्न असुरक्षा से बचा लिया। जबकि दूसरे राज्यों में यह समस्या जबरदस्त तरीके से फैली।
ओणम स्पेशल किट्स की योजना सरकार को 526 करोड़ रुपये की पड़ेगी, इसे खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री GR अनिल ने 31 जुलाई को तिरुवनंतपुरम के एडापझांजी के एक राशन आउटलेट से शुरू किया था।
हर किट में 1 किलो चीनी, 500 ml मूंगफली का तेल, 500 ग्राम हरे चने, 250 ग्राम तुअर दाल, 100 ग्राम चाय, 100 ग्राम मिर्च पाउडर, 100 ग्राम हल्दी पाउडर, 1 किलोग्राम नमक, 180 ग्राम सेवई, 180 ग्राम पालादा (दूध और चावल का मिश्रण), 500 ग्राम कच्चा चावल, 50 ग्राम काजू, 20 ग्राम इलायची, 50 मिलीलीटर घी, 100 ग्राम सरकारावाराट्टी, 1 किलोग्राम गेहूं का आटा और एक साबुन रहती है।
अब तक 90.96 लाख राशन कार्ड धारकों में से आधों को यह किट मिल चुकी है, क्योंकि वितरण में जरूरत से ज़्यादा वक़्त लग रहा है। इसकी वज़ह उपार्जन में हो रही देरी है।
सरकार ने पूरी कोशिश की है कि हर किसी तक यह फूड किट्स पहुंचें। 1 लाख आदिवासियों को घूमंतू राशन दुकानों के ज़रिए यह किट पहुंचाने के लिए कदम उठाए गए हैं। नागरिक आपूर्ति विभाग ने वृद्धाश्रम, अनाथालय और मानसिक सुविधा केंद्रों में सीधे आपूर्ति की है
इसके अलावा फूड किट्स बच्चों को भी स्कूल खुलने के पहले वितरित की जाएंगी, इससे मध्यान्ह भोजन पाने वाले 27,52,919 बच्चों और 43 विशेष स्कूलों में बढ़ने वाले विकलांग बच्चों को लाभ मिलेगा।
इन फूड किट्स से 238 कुदुमबाश्री ईकाईयों को भी प्रत्यक्ष लाभ मिला है। इन्होंने गुड़ के लेप वाले केले के चिप्स की आपूर्ति की, जिसकी कीमत 8 करोड़ रुपये थी। कुदुमबश्री ईकाईयां इन किटों के लिए बैग भी बना रही हैं। यह ईकाईयां जैविक सब्जियां जैसे उत्पाद ओणम व्यापार मेले में बेचती हैं। ऐसे 1050 मेले आयोजित होने की उम्मीद है, जिनसे इन सूक्ष्म-उद्यमों को करोड़ों रुपये का राजस्व हासिल होगा।
इस किट में इलायची को शामिल करने से बाज़ार में इलायची की कीमत बढ़ाने में मदद मिली, इसका संकट से गुजर रहे किसानों ने स्वागत किया।
उन्नत सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पेंशन
पिछली LDF सरकार ने मासिक कल्याण पेंशन को अपने शुरुआती तीन सालों में 600 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया। महामारी के दौरान इस मूल्य को बढ़ाकर 1500 रुपये, फिर अंतरिम बजट के दौरान 1600 रुपये कर दिया गया।
पूरे पांच साल की अवधि में सामाजिक सुरक्षा पेँशन भोगियों की संख्या में 30 फ़ीसदी इज़ाफा हुआ। वहीं इस दौरान वितरित की जाने वाली पेंशन में तीन गुना तक की वृद्धि हुई। पेंशन का यह आंकड़ा 9011 करोड़ रुपये से बढ़कर 32,034 करोड़ पहुंच गया।
मौजूदा सरकार ने जुलाई और अगस्त के महीने में सामाजिक सुरक्षा और कल्याण पेंशन 5 अगस्त को देना शुरू कर दी है, ताकि त्योहार के मौसम में लोगों के पास ज़्यादा पैसा रहे। सरकार सामाजिक कल्याण और सुरक्षा पेंशन योजना के तहत योग्य ना रहने वाले ऐसे 1000 परिवार, जो गरीबी रेखा के नीचे या अंत्योदय अन्न योजना में आते हैं, उन्हें भी ओणम मदद दे रही है। सरकार ने 147.83 करोड़ रुपये ऐसे ही 14,78,238 परिवारों के लिए रखे हैं।
जिन काजू फैक्ट्रियों के बंद होने से कामग़ार प्रभावित हुए हैं, उन्हें सरकार 2000 रुपये और 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 10 किलोग्राम चावल देगी। वहीं ऐसे कामग़ार जो रोज़गार गारंटी के योजना के तहत कम से कम 75 दिन काम कर चुके हैं, उन्हें सरकार 1000 रुपये दे रही है।
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Kerala’s Left Government Takes Right Decision for the Poor During Pandemic
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