पन्ना टाइगर रिज़र्व के आदिवासी : जबरन बेदख़ली, अधूरे वादे
1993 में पन्ना के जंगलों को पन्ना नेशनल पार्क बनाया गया था। उसी वक़्त से भारत के 22वें और मध्य प्रदेश के इस 5वें टाइगर रिज़र्व में रहने वाले हज़ारों आदिवासियों को बेदख़ल किया गया है। सरकार के फ़ैसलों ने आदिवासियों को धोखा दिया है उन्हें निराश किया है। हालांकि सरकार ने उनसे जंगलों के बाहर एक सम्मानजनक जीवन के वादे किए थे, लेकिन उन वादों को कभी पूरा नहीं गया।
1993 में पन्ना के जंगलों को पन्ना नेशनल पार्क बनाया गया था। उसी वक़्त से भारत के 22वें और मध्य प्रदेश के इस 5वें टाइगर रिज़र्व में रहने वाले हज़ारों आदिवासियों को बेदख़ल किया गया है। सरकार के फ़ैसलों ने आदिवासियों को धोखा दिया है उन्हें निराश किया है। हालांकि सरकार ने उनसे जंगलों के बाहर एक सम्मानजनक जीवन के वादे किए थे, लेकिन उन वादों को कभी पूरा नहीं गया।
पन्ना, मध्य प्रदेश से न्यूज़क्लिक की ग्राउंड रिपोर्ट।
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