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रेत माफिया द्वारा वन अधिकारी को कुचल कर मारे जाने पर चौतरफा घिरी 'चौहान सरकार'

अवैध खनन का विरोध करने वाले लोगों की हत्या करने और उन्हें धमकी देने वाले रेत माफिया का मध्य प्रदेश में एक इतिहास है, रेत खनन को बड़े पैमाने पर नेताओं और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
रेत माफ़िया

शुक्रवार सुबह मध्यप्रदेश के मोरेना ज़िले में अवैध रूप से खनन कर रेत ले जा रहे ट्रैक्टर ने वन विभाग के 60 वर्षीय डिप्टी रेंजर को कुचल कर मार डाला। इस घटना की जानकारी पुलिस ने दी।

पुलिस ने कहा मृतक की पहचान राज्य के भिंड ज़िले के निवासी सुबेदार सिंह कुशवाह के रूप में की गई है। पिछले दो वर्षों से मोरेना ज़िला मुख्यालय से किमी दूर ढोलपुर राजमार्ग पर स्थित सिविल लाइन पुलिस स्टेशन क्षेत्र के घोरना वन चौकी में वे तैनात थे।

मोरेना पुलिस ने ट्रैक्टर चालक के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया है और राष्ट्रीय राजमार्ग- 3 की झाड़ियों के पास छिपे ट्रैक्टर को ज़ब्त कर लिया है।

कुशवाह की सेवानिवृत्ति जून 2018 में होनी थी लेकिन उन्हें हाल ही में शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा पेश की गई नई सेवानिवृत्ति योजना के तहत विस्तार मिला था, जिसमें सेवानिवृत्त की आयु सीमा 60 से 62 वर्ष कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि यह वही स्थान है जहाँ एक युवा आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार को मार्च 2012 में कुचल कर मौत के घाट उतार दिया गया था। युवा अधिकारी को उस समय कुचल दिया गया जब वे अवैध खनन की जाँच करने की कोशिश कर रहे थे। तीन कांस्टेबल अटवल सिंह चौहानधर्मेंद्र चौहान और नरेंद्र शर्मा ने भी अपनी जान रेत खननकर्ताओं की जाँच करने की कोशिश करते समय अलग-अलग घटनाओं में गँवा दी।

घटना

मृत सुबेदार सिंह कुशवाह चार अन्य फॉरेस्ट गार्डरामनाथ शर्माभगवान सोलंकीसंजय और आकाश तोमर के साथ घटना के दिन सुबह में अपनी ड्यूटी पर थे। लगभग 10:20 बजे उन्होंने देखा कि एक ट्रैक्टर में अवैध रेत ले जाया जा रहा है तो इसे रोकने के लिए वे सड़क के दूसरी तरफ चले गए।

इस बीच उन्होंने देखा कि कथित तौर पर रेत माफिया से जुड़े दो लोग ऐसे वाहनों को रोकने के लिए लगाए गए स्पाइक स्ट्रिप्स को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। कुशवाह अपने डंडे के साथ उनके पास पहुंचे। इसी समय सड़क के दूसरी तरफ से तेज़ गति से आ रही ट्रैक्टर उन्हें पीछे से टक्कर मार दिया।

टक्कर लगते ही कुशवाह तुरंत सड़क पर गिर गए और उनके कपड़े ट्रक के सामने वाले गार्ड में फँस गए। चालक ने उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटना स्थल से लगभग 20 फीट घसीटा और बाद में उन्हें नीचे गिरा दिया। ये घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है।

सड़क से गुज़र रहे कुछ लोगों के अनुसार अधिकारी के साथ मौजूद अन्य गार्ड ने लगभग 12 किमी तक ट्रैक्टर का पीछा किया और उन्होंने गोलियां भी चलाई। लेकिन ड्राइवर झाड़ियों में ट्रैक्टर छोड़कर भागने कामयाब रहा।

घटना स्थल पर मौजूद एक फॉरेस्ट गार्ड भवन ने कहा "ट्रैक्टर को रोकने के दौरान सुबेदार सिंह कुशवाह मारे गए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि ट्रैक्टर चला रहा व्यक्ति बच निकला।"

इस घटना की पुष्टि करते हुए मोरेना एसपी अमित सांघी ने कहा, "एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग टायर फटने वाले स्पाइक को हटाने की कोशिश कर रहे थे जो वन अधिकारियों द्वारा अवैध रेत ले जाने वाले ट्रैक्टर और ट्रक को रोकने के लिए सड़क पर रखे गए थे। जब कुशवाह ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पीछे से आ रही एक तेज़ रफ्तार ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी।"

मोटरसाइकिल पर सवार लोग ट्रैक्टरों की रक्षा कर रहे थे और कहा जाता है कि वे रेत खनन माफिया से जुड़े हैं। वन अधिकारी स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए स्पाइक स्ट्रिप्स या स्पाइक बोर्डों का इस्तेमाल टायरों को पंक्चर करके ट्रैक्टरों के आने जाने को रोकने के लिए करते रहे हैं। मोरेना में स्पाइक्स धातु प्लेट के साथ जड़ा था।

कुशवाह की मृत्यु के बाद राज्य सरकार ने रेत माफिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू की है और सीहोर ज़िले में 50 से अधिक डंपर्स ज़ब्त किए गए हैं जो नसरुल्लाहगंज से रेत ले जा रहा था।

इस घटना के कुछ घंटे बाद विपक्षी कांग्रेस ने रेत माफिया को संरक्षण देने के लिए बीजेपी पर हमला किया है। पीसीसी प्रमुख कमलनाथ ने ट्वीट किया: "शिवराज सरकार में खनन माफिया का मनोबल बढ़ गया है। इससे पहले मोरेना में खनन माफिया ने एक आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या कर दी थी और अब फिर मोरेना में डिप्टी रेंजर सुबेदार सिंह कुशवाह की हत्या की ख़बर सामने आई है।"

बाद में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने रेत माफिया को नियंत्रित करने में विफल होने के कारण मुख्यमंत्री चौहान से इस्तीफे की मांग की है।

शहीद का दर्जा और मुआवज़ा

वन विभाग द्वारा मृत कुशवाह को शहीद के दर्जा से सम्मानित किया गया है और पूर्व-भुगतान के रूप में 10 लाख रूपए दिए गए हैं।

ज़िला वन अधिकारी डॉ एए अंसारी ने कहा, "विभाग ने कुशवाह को शहीद का दर्जा दिया है और उनके परिवार को मुआवज़े के रूप में 10 लाख रुपए देने की घोषणा की है। विभाग ने उनके रिश्तेदार को फौरन राहत के तौर पर 50,000 दिया है।"

राजनीतिक संबंध

मध्य प्रदेश में अवैध खनन का विरोध करने वालों को धमकी देनेहमला करने और मारने को लेकर रेत माफिया का एक लंबा इतिहास है। राज्य में रेत के कारोबार को लेकर विशाल ब्लैक इकॉनोमी उभरी हैजिसे बड़े पैमाने पर राजनेताओं और उनके रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

सितंबर 2018 कोवन विभाग ने छतरपुर में अवैध रूप से खनन रेत ले जा रहे एक ट्रक को ज़ब्त किया था जो सत्तारूढ़ पार्टी के लवकुश डिवीजन के प्रमुख राम बहादुर गिरि संबंधित था।

छत्तरपुर ज़िले के सरवाई डिवीजन से बीजेपी प्रभारी पंकज पांडे को अवैध खनन में भागीदारी को लेकर वन विभाग द्वारा करोड़ का जुर्माना लगाया गया है और एसडीएम कोर्ट में ये मामला अभी चल रहा है।

अवैध रूप से खनन रेत ले जा रहे अपनी ट्रक के ज़ब्त होने से निराश छतरपुर भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रमुख सब-इंस्पेक्टर से मारपीट किया था। हालांकि उन पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया थाबाद में पार्टी ने उन्हें ज़िले के महासचिव पद पर पदोन्नत कर दिया।

अवैध खनन राज्य में अनियंत्रित

राज्य सरकार द्वारा रोक लगाने के बावजूद उत्तर प्रदेश सीमा के चंबल इलाके के मोरेना और भिंड ज़िले में पत्थरों और पत्थर के स्लैब का अवैध खनन अनियंत्रित है। रेत खनन माफिया मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सक्रिय हैजो नदीतल को नष्ट कर रहा है और जो सर्दियों और तेज़ गर्मियों में सूख जाते हैं। राज्य की कई नदियां भारी अवैध खनन के चलते ख़तरे का सामना कर रही है।

इसी क्षेत्र की कुछ प्रमुख घटनाएं

मोरेना ज़िले में साल 2012 में एक आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की एक ट्रैक्टर द्वारा कुचल कर हत्या करने के मामले रेत माफिया को दोषी ठहराया गया था।

मई 2012 में चिन्नोनी पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर हितेन्द्र राठौर पर रेत माफिया ने उनकी सख्त कार्रवाई को लेकर हमला किया था।

इस साल के बाद एक ट्रैक्टर ने मोरेना में तैनात एक आईएएस प्रशिक्षु अभिषेक सिंह की कार को बुरी तरह उस समय कुचल दिया जब वे राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के पास अवैध रेत खनन रोकने की कोशिश कर रहे थाें।

मार्च 2013 में रेत माफिया ने कथित तौर पर एक किसान को मार डाला जिन्होंने उसे रोकने की कोशिश की।

मार्च 2014 में जब एक एसएएफ कमांडर ने वाहन को रोकने की कोशिश की तो माफियाओं ने एसएएफ कांस्टेबल पर गोली चलाई और भाग निकले।

एक पुलिस कांस्टेबल धर्मेंद्र चौहान पर साल 2015 में मोरेना में अवैध रेत ले जा रहे वाहन को रोकने की कोशिश करने के दौरान उन पर चढ़ा दिया था।

मार्च 2016 में एक ट्रैक्टर ट्रॉली जो कथित रूप से अवैध रेत ले जा रहा था ग्वालियर ज़िले के रायरा में चुनौती देने के बाद फॉरेस्ट गार्ड नरेंद्र शर्मा को मौत के घाट उतार दिया।

- 26 मार्च, 2018 को मोरेना के एक पत्रकार संदीप शर्मा को ट्रैक्टर से कुचल दिया गया था। उन्होंने इस इलाक़े में अवैध खनन के कई मामलों पर ख़बर किया था और इसलिए वे माफिया के निशाने पर थें। इस हत्या के चलते भारी विवाद हुआ और राज्य सरकार ने तुरंत एसआईटी जांच शुरू की लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जून 2018 में अवैध रेत ले जा रही एक ट्रैक्टर ने मोरेने के गंजरामुपर गांव के पास एक जीप को टक्कर मार दी जिसमें सवार एक परिवार के 18 लोग शोक सभा में शामिल होने जा रहे थें जिसमें सभी की मौत हो गई जबकि अन्य पांच लोग घायल हो गए थें। ग्वालियर जिले के सभी पीड़ित शोक सभा में शामिल होने के लिए घुरगन गांव जा रहे थें।

सिर्फ 2016-17 में राज्य में अवैध रेत खनन की अनुमानित 13,880 घटनाएँ हुईंजबकि केवल 516 एफआईआर ही दर्ज किए गए।

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