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बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ दर्ज होगी FIR, पहलवानों को मिला दिग्गजों का समर्थन

प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि जब तक बृजभूषण सिंह जेल में नहीं जाते हैं, तब तक धरना जारी रहेगा।
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फ़ोटो साभार: PTI

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगातार 6 दिनों से जारी पहलवानों के धरने के बाद आखिरकार अब दिल्ली पुलिस बैकफुट पर आ गई है। आज शुक्रवार, 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन शोषण के मामले में दिल्ली पुलिस आज ही एफ़आईआर दर्ज करेगी। इस सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत में इन खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा भी सामने रखा गया, क्योंकि सिब्बल के अनुसार बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 40 मामले हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए। साथ ही अगली सुनवाई के लिए आगामी शुक्रवार, 5 मई की तारीख दी है।

बता दें कि बीते दिनों इन पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की। जिसके बाद इन खिलाड़ियों ने तत्काल सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था कि उनके आरोपों पर कोई मामला दर्ज क्‍यों नहीं किया गया है। आज अदालत में पहलवानों की इसी याचिका पर सुनवाई हुई।

जब तक बृजभूषण जेल नहीं जाते, तब तक धरना जारी रहेगा

अदालत में सुनवाई के बाद प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और वह अब तक हुई जांच से संतुष्ट हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि ये लड़ाई सिर्फ एफआईआर की नहीं है, वो तो पहले दिन ही हो जानी चाहिए थी। ये लड़ाई खेलों को ऐसे लोगों के चंगुल से बचाने की है और इसलिए जब तक बृजभूषण सिंह जेल में नहीं जाते हैं, तब तक धरना जारी रहेगा। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाए जाने की मांग करते हुए देश का भविष्य में स्पोर्ट्स बचाने के लिए है सभी को एक साथ आना की अपील की।

ध्यान रहे कि इससे पहले पहलवानों ने अपने जनवरी वाले प्रदर्शन के दौरान कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है, लेकिन चेतावनी भी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे। अब इन खिलाड़ियों का संघर्ष लगभग तीन महीने बाद फिर एक बार बीते रविवार, 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर जारी है। इन खिलाड़ियों के समर्थन में अब तक कई राजनीतिक दल के नेता, किसान यूनियन, छात्र संगठन, नागरिक समाज के लोग और खाप पंचायतें भी जंतर-मंतर पर पहुंची हैं। सभी ने पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा, साथ ही कई महत्वपूर्ण सवाल भी उठाए। जैसे महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरान इस मामले पर चुप क्यों हैं? खेल मंत्रालय निगरानी समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहा और महज़ कुछ दूरी पर बैठे प्रधानमंत्री 'बेटी बचाओ' के अपने खुद के नारे पर अमल क्यों नहीं कर रहे?

ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #Istandwithmychampions

ट्विटर पर आज शुक्रवार सुबह से ही #Istandwithmychampions भी ट्रेंड कर रहा है, जो इन खिलाड़ियों के समर्थन और एकजुटता के लिए लगातार किए जा रहे हैं। इस कड़ी में लगभग हज़ारों ट्विट्स आ चुके हैं, जिसमें आम लोगों से लेकर नामी-गिरामी खिलाड़ी और दिग्गज भी शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन अनुशासनहीनता और देश की छवि खराब करने वाला बताया था, जिसके बाद इन पहलवानों ने इसे निराशाजनक बताते हुए देश के अन्य खिलाड़ियों से समर्थन की अपील की थी। आज टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा से लेकर ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा और कपिल देव तक कई खिलाड़ियों ने पहलवानों का समर्थन किया है। इससे पहले ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा भी इन खिलाड़ियों के साथ एकजुटता दिखा चुके हैं।

शूटिंग में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत चुके अभिनव बिंद्रा ने ट्वीट कर लिखा, ''एथलीट के तौर पर हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन ये देखना बड़ी चिंता की बात है कि इंडियन रेसलिंग प्रशासन में यौन प्रताड़ना के आरोपों को लेकर हमारे एथलीटों को सड़क पर आकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है।''

''मैं उनके साथ हूं जो इस मामले से प्रभावित हैं। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि इस मुद्दे को ठीक से संभाला जाए। एथलीटों की चिंताओं को सुना जाए और मामले को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से निपटाया जाए। ''

मुक्केबाज निकहत जरीन ने ट्वीट किया "अपने ओलंपिक और विश्व पदक विजेताओं को इस हालत में देखना दिल दुखाने वाला है। खिलाड़ी गौरव और ख्याति लाकर देश की सेवा करते हैं। मैं पूरी उम्मीद और प्रार्थना करती हूं कि कानून अपना काम करे और पहलवानों को जल्द से जल्द न्याय मिले। जय हिन्द।"

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने लिखा "एक एथलीट और एक महिला के रूप में यह देखना बहुत मुश्किल है...। उन्होंने हमारे देश का नाम रोशन किया है और हम सभी ने उस पर उनके साथ जश्न मनाया है, .. यदि आपने ऐसा किया है तो अब समय आ गया है कि इसमें उनके साथ मुश्किल समय में भी खड़े हों.. यह बेहद संवेदनशील मामला है और गंभीर आरोप हैं।"

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लिखा "बहुत दुःख की बात है की हमारे चैंपियंस, जिन्होंने देश का बड़ा नाम किया है , झंडा लहराया है , हम सबको इतनी खुशियां दी हैं, उन्हें आज सड़क पर आना पड़ा है। बड़ा संवेदनशील मामला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उम्मीद है खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।"

नीरज चोपड़ा ने ट्वीट कर लिखा, "ये देखकर मुझे बहुत दुख होता है कि हमारे एथलीट सड़कों पर न्याय मांग रहे हैं। उन्होंने हमारे महान देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कड़ी मेहनत की और हमें गर्व का अनुभव कराया।"

उन्होंने लिखा, "एक देश के तौर पर हम हर व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं, फिर चाहे वह एथलीट हो या कोई और। जो हो रहा है, वो नहीं होना चाहिए था। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इसे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाना चाहिए। न्याय सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।"

वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पहलवानों की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, "क्या इन्हें कभी इंसाफ़ मिल पाएगा?"

यह तस्वीर शेयर करते हुए कपिल देव ने विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को भी टैग किया है।

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पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी कहा कि नौ नामी पहलवानों की शिकायत के बावजूद एफआईआर नहीं होना हैरान करने वाला है। कोई भी देश जो अपने आइकन का अपमान करता है, वह अपने ही गौरव को ठेस पहुंचाता है, इन महिला खिलाड़ियों ने न सिर्फ देश का नाम रोशन किया है बल्कि लाखों लोगों की आकांक्षाओं को पंख दिए है, ऐसे में उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाना भारत के गौरव को चोट पहुंचा रहा है। क्या हमारे देश के बड़े लोग अब कानून से भी ऊपर हैं? कानून को एक निवारक स्थापित करना चाहिए कि पीढ़ियों को महिलाओं का अपमान करने से पहले कांपना चाहिए, एक अच्छा उदाहरण सबसे अच्छा उपदेश है जो आप दे सकते हैं। सोमवार को उनसे मिलने जाऊंगा और उनके सत्याग्रह में शामिल होऊंगा...”

अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने कहा "इन्हें आज न्याय नहीं मिला तो देर हो जाएगी, मेडल जीतने पर इनके साथ फोटो खिंचवाने वाले आज कहां हैं? गृह मंत्री व खेल मंत्री से निवेदन है कि इनकी बात सुनें। मैं इस देश की बेटी और आप और मेरे घर में बैठे हर बेटी और बहन की तरफ से बात कर रही हूं। हमारे देश की वह बेटियां जिन्होंने इस देश को मान सम्मान, कई मेडल दिलवाए हैं वह बेटियां जंतर-मंतर पर बैठी हुई हैं। ऐसे देश में जहां पर महिलाओं को देवियों का दर्जा दिया गया है। वे न्याय की भीख मांग रही हैं। क्या यह सही है? गृहमंत्री और खेल मंत्री गुहार सुनिए। जब आप उनके साथ नहीं खड़े होंगे तो इस फील्ड में ही नहीं बल्कि बाकी खेलों में भी बेटी बचाओ के नारे देने का क्या मतलब रह जाता है।"

गौरतलब है कि 1991 में पहली बार गोंडा से सांसद बने बृज भूषण भारतीय जनता पार्टी के दबंग नेताओं में गिने जाते हैं। वे साल 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। 2019 में वे कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए। बृज भूषण शरण सिंह ने अपनी छवि एक हिंदूवादी नेता के तौर पर बनाई है और वो अयोध्या के बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के अभियुक्त भी रहे हैं। अपने विवादित बयानों के चलते वे हमेशा सुर्ख़ियों में रहे हैं। अतीत में उन पर हत्या, आगज़नी और तोड़-फोड़ करने के भी आरोप लग चुके हैं। कुछ महीनेे पहले झारखंड में अंडर-19 नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान एक रेसलर को मंच पर ही थप्पड़ मार दिया था। अब महिला पहलवानों के गंभीर आरोप के बाद भी अभी तक उन पर पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो उन्हें और पूरी भारतीय जनता पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।

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