फ़ैक्ट चेकर पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर को एक दिन की हिरासत, मीडिया संस्थाओं और विपक्ष ने जताया विरोध
नई दिल्ली: Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की सोमवार देर रात को मैजिस्ट्रैट के सामने पेशी के बाद उन्हें एक दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। Alt News के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने जानकारी दी कि पुलिस ने उनकी सात दिन की हिरासत की मांग की थी।
उन्हें सोमवार को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक उनके ऊपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।
ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने 2018 में एक मशहूर बॉलीवुड फिल्म के सीन की फोटो ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि उस दृश्य को ट्वीट कर उन्होंने लोगों की कथित तौर पर "धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।
ज़ुबैर ने 2108 में हृषिकेश मुखर्जी की 1983 की मशहूर कॉमेडी फिल्म 'किसी से ना कहना’ का एक दृश्य जिसमें एक होटल का साइनबोर्ड 'हनीमून होटल' से बदलकर 'हनुमान होटल' कर दिया गया था, को अपने अकाउंट से ट्वीट किया था। हालाँकि, छवि 1983 की कॉमेडी फिल्म 'किसी से ना कहना' से ली गई है, जिसका निर्देशन हृषिकेश मुखर्जी ने किया था।
Before 2014 : Honeymoon Hotel
After 2014 : Hanuman Hotel. #SanskaariHotel pic.twitter.com/1ri5i3IXy8— Mohammed Zubair (@zoo_bear) March 23, 2018
डिजिटल समाचार मीडिया संगठनों के एक समूह डिजीपब इंडिया ने सोमवार को AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा निंदा की। AltNews भी डिजिपब का सदस्य है।
डिजीपब ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि AltNews के सह-संस्थापक के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में एक ट्वीट में तीन हिंदुत्व कट्टरपंथियों को "नफरत फैलाने वाला" कहने के लिए मामला दर्ज किया था।
बयान में कहा गया है कि "लोकतंत्र में, जहां प्रत्येक व्यक्ति को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, वहाँ ऐसे कड़े कानून का पत्रकारों के खिलाफ अनुचित इस्तेमाल निंदनीय है। डिजिपब ने मामले को तुरंत रद्द करने का आह्वान किया।”
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने भी जुबैर की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया।
“The arrest of journalist Mohammad Zubair marks another low for press freedom in India, where the government has created a hostile and unsafe environment for members of the press reporting on sectarian issues.” https://t.co/eYzmY0ysZW
— Jodie Ginsberg (@jodieginsberg) June 27, 2022
सीपीआईएम सचिव सीताराम येचुरी ने भी जुबैर की तत्काल रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार गलत सूचनाओं की नफरती मशीन को उजागर करने वाली किसी भी चीज़ से असुरक्षित और डरी हुई महसूस करती है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर इसके लिए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि "भाजपा की नफरत, कट्टरता और झूठ" को उजागर करने वाले सभी लोग भगवा पार्टी के लिए खतरा हैं।”
Every person exposing BJP's hate, bigotry and lies is a threat to them.
Arresting one voice of truth will only give rise to a thousand more.
Truth ALWAYS triumphs over tyranny. #DaroMat pic.twitter.com/hIUuxfvq6s
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2022
शशि थरूर ने भी ज़ुबैर की रिहाई की मांग करते हुए ट्वीट किया, "भारत की कुछ तथ्य-जांच करने वाली संस्थाएं, विशेष रूप से ऑल्ट न्यूज़, देश की वर्तमान राजनीतिक माहौल में, जो गलत सूचनाओं से भरा हुआ है, एक महत्वपूर्ण सेवा दे रही हैं।”
पुलिस ने उनकी गिरफ़्तारी के बाद जानकारी दी थी कि इस महीने ज़ुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने रिपोर्ट एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की थी जब उसने ज़ुबैर पर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।
गिरफ़्तारी के बाद प्रतीक ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस ने 2020 में दर्ज एक मामले के सिलसिले में जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था, जिसमें उन्हें पहले ही अदालत द्वारा गिरफ़्तारी के खिलाफ राहत दे दी गई थी। हालांकि पुलिस ने 6:45 पर किसी और FIR में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया, जिसके लिए कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक उन्हें कोई नोटिस भी नहीं भेजा गया था।"
आपको बता दें कि ज़ुबैर के ट्विटर पर 416.4K फॉलोअर्स हैं और वो फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews के हैं। वह कुछ समय से फर्जी खबरों का भंडाफोड़ करने और सत्तारूढ़ दल की अब निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा सहित कुछ भाजपा नेताओं द्वारा किए गए घृणास्पद भाषणों को प्रकाश में लाने के लिए चर्चा में रहे हैं। संयोग से, एक प्राथमिकी के बावजूद, शर्मा को कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है।
आपको यहां यह भी बता दें कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर और संस्थापक प्रतीक सिन्हा को शांति अनुसंधान संस्थान ओस्लो (PRIO) ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी वार्षिक शॉर्टलिस्ट में नामित किया था।
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