बेल्जियम के संगठनों ने महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स समेत देश के दूसरे शहरों में रविवार, 28 नवंबर को महिला अधिकार समूहों और दूसरे प्रगतिशील वर्गों ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने अपील में कहा कि संघीय सरकार लैंगिक हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय कार्ययोजना को जल्द से जल्द लागू करे। इस जमावड़े की मांग बेल्जियम के मिराबल प्लेटफॉर्म ने की थी। इस मार्च में कई समूहों ने हिस्सा लिया, जिसमें मरियन, रेडफॉक्स, कोमैक और यंग कम्युनिस्ट ऑफ बेल्जियम के साथ वर्कर्स पार्टी ऑफ बेल्जियम और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बेल्जियम ने भी हिस्सा लिया। बता दें 25 नवंबर को दुनियाभर के प्रगतिशील वर्ग ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया था।
27 नवंबर को बेल्जियम ने लैंगिक आधार पर हिंसा के खिलाफ संघर्ष के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना अपनाई थी। कथित तौर पर इस योजना में 200 से ज्यादा कदम शामिल हैं और ये सरकार के सभी स्तरों पर लागू की जाएगी। इस बारे में पीटीबी/पीवीडीए ने कहा, "सरकार की राष्ट्रीय कार्य योजना के आने के लिए हमें एक साल का इंतजार करना पड़ा। अब वक़्त आ गया है कि वे अपनी गति बढ़ाएं। इसे लागू करने के लिए अब एक साल का और इंतज़ार नहीं किया जा सकता।
पीटीबी और इसके महिला मोर्चा मरियन ने अपनी मांग में कहा कि यौन हिंसा का शिकार पीड़ितों के लिए सुविधा के केंद्र बढ़ाए जाएं, जिसके तहत ब्रूसेल्स में अतिरिक्त केंद्र भी खोला जाए।
"यूरोपियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेंडर इक्वलिटी" की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड के दौर में साथी द्वारा होने वाली हिंसा में इजाफा हुआ है। 2021 की शुरुआत से ऐसी हिंसा में 18 महिलाओं की मौत भी हुई है।
मिराबल प्लेटफॉर्म ने बेल्जियम की सरकार से महिला हिंसा के खिलाफ अपनी पूरी जवाबदेही से काम करने को कहा है। समूह ने कहा, "महिलाओं के इकट्ठा होने के चलते कुछ तो हो रहा है। लेकिन इसकी गति तेज नहीं है। ना ही पर्याप्त मजबूती से किया जा रहा है। ना ही यह हर किसी के लिए हो रहा है और ना ही यह महिला हिंसा को रोकने के लिए सही दिशा में किया जा रहा है, जिससे अब भी बेल्जियम में लाखों महिलाओं की जिंदगी बर्बाद होती है और उनके अधिकारों का उल्लघंन होता है। जबकि दूसरी जगहों पर इसमें कमी आ रही है। हम और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते।"
मिराबल प्लेटफॉर्म का गठन 2017 में नागरिक समाज संगठनों द्वारा किया गया था, यह संगठन डोमिनियाई मूल की मिराबल बहनों के सम्मान में बनाया गया था। पेट्रिया मिराबल रेयस और मारिया टेरेसा मिराबल रेयस और मिनर्वा मिराबल रेयस ने राफेल ट्रूजिलो (1934-196२) की तानाशाही का विरोध किया था। ट्रूजिलो के गुंडों ने 25 नवंबर 1960 को उनकी हत्या कर दी थी। मिराबल बहनों को लोकप्रिय और महिला प्रतिरोध का प्रतीक माना जाता है। उनके सम्मान में 1999 संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे का अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया था।
पीसीबी/सीपीबी ने कहा, "महामारी के दौरान, उसके पहले या बाद में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, चाहे वह यौन हमला हो, यौन, शारीरिक, शाब्दिक, मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न, बलात्कार, हत्या, उनके यौन अंगों को अंगभंग करना हो, यह सब ना सिर्फ परिवार के आंतरिक स्तर या वैवाहिक स्तर पर ही नहीं होता, बल्कि यह काम की जगहों और पूंजीवादी समाज में भी होता है।"
"पार्टी ने कहा,"हमारे वर्ग, खासकर कामगार महिलाओं के उत्थान का हमारा संघर्ष रोजाना का है, क्योंकि हिंसा रोज हो रही है और इसे पूंजीवादी समाज और राज्य द्वारा पोषित किया जाता है। हम बुर्जुआ नीतियों से संघर्ष करते हैं, जो महिलाओं की जिंदगी बर्बाद करती हैं, हमारा संघर्ष नियोक्ता की हिंसा और उन्हें काम करने के बावजूद गरीबी और बदहाली में रहने को मजबूर करने वाले राज्य से भी है
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Belgian organizations protest spike in violence against women
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