त्रिपुरा के कदमतला में दुर्गा पूजा के चंदे को लेकर हुई झड़प के दौरान पुलिस फायरिंग में मुस्लिम व्यक्ति की मौत, 17 घायल
उत्तरी त्रिपुरा के कदमतला जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ‘पुलिस फायरिंग’ में एक मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो गई और करीब सत्रह लोग घायल हो गए।
यह झड़प रविवार को एक क्लब के सदस्यों, कुछ यात्रियों और एक ड्राइवर के बीच दुर्गा पूजा चंदा संग्रह को लेकर हुए विवाद के दौरान हुई। मामूली झड़प जल्द ही एक बड़े सांप्रदायिक विवाद में तब्दील हो गई, जब भीड़ इसमें शामिल हो गई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में मरने वाले व्यक्ति की पहचान शाहीन के रूप में हुई है। मृतक का शव पुलिस द्वारा कथित तौर पर स्थिति को नियंत्रित करने और व्यवस्था बहाल करने के दौरान हुई कार्रवाई के बाद पाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसक झड़प के दौरान कई निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और कुछ दुकानों और घरों को लूटा गया और निशाना बनाया गया। लाठीचार्ज के दौरान कई लोग घायल हुए हैं, हालांकि इस मामले में प्रभावित लोगों की सही संख्या अभी तक स्पष्ट नहीं है।
झड़प के बाद, ‘त्रिपुरा पुलिस’ और ‘त्रिपुरा स्टेट राइफल्स’ के भारी सुरक्षा बलों को मौके पर तैनात किया गया। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की है और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई।
शाहीन की मौत के मामले की संदिग्ध परिस्थितियों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
इस मामले में अब तक करीब 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन किसी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे नुकसान से कैसे निपटेंगे।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक रॉय बर्मन ने कहा कि क्लब के कुछ सदस्य दुर्गा पूजा समारोह के लिए मुस्लिम दुकानदारों पर मोटी रकम देने का दबाव बना रहे थे, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया।
इसलिए, बहस बढ़ गई और चंदा लेने वालों ने दुकानों को लूटना शुरू कर दिया। उन्होंने ‘कुछ खास क्षेत्रों’ में एक अस्पष्ट ‘साजिश’ की ओर भी इशारा किया, जिसका उद्देश्य गंदाचेरा, दुर्गानगर और कदमतला में भयानक सांप्रदायिक दंगे भड़काना था।
प्रशासन के कुछ सदस्यों ने भय के माहौल और साजिश की ओर इशारा किया है, जिसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों और आदिवासी एवं गैर-आदिवासी आबादी के बीच सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ना है।
दूसरी ओर, सीपीआई (एम) नेताओं ने सोशल मीडिया के अनुचित उपयोग के माध्यम से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के लिए आम जनता को भड़काने के मामले में दो कैबिनेट मंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया है।
साभार : सबरंग
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।