'अपनों के बीच अजनबी' | फ़रीद ख़ां से संजय कुंदन की बातचीत
'अपनों के बीच अजनबी' अल्पसंख्यक वर्ग के एक युवा की मनोदशा को सामने लाती है। इसमें लेखक ने उन तमाम सवालों के जवाब दिए हैं, जिन्हें लेकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। महीने के हर दूसरे शनिवार को लेफ़्टवर्ड बुक्स और वाम प्रकाशन की सामयिक विषयों पर ऑनलाइन बहस और पुस्तक-चर्चा से जुड़ें।
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