आम आदमी पार्टी बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी : राघव चड्ढा
नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने रविवार को कहा कि पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिये बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होगी।
‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति की रविवार को यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चड्ढा ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में विरोध करने के कांग्रेस के कदम का स्वागत किया।
केजरीवाल की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ‘आप’ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है।
‘आप’ ने पहले कहा था कि वह बेंगलुरु की बैठक में तभी शामिल होगी, जब कांग्रेस संसद में दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के विरोध में आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देगी।
AAP will participate in opposition parties' meeting in Bengaluru: Raghav Chadhahttps://t.co/PcCVuiRqPA
(FILE PHOTO) pic.twitter.com/lqydQFwTyl
— Press Trust of India (@PTI_News) July 16, 2023
पीएसी में विचार-विमर्श के बाद चड्ढा ने घोषणा की कि केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में भाग लेगी।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के वास्ते यह एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों की दूसरी बैठक होगी।
पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को हुई थी।
‘आप’ की पीएसी की बैठक कांग्रेस द्वारा दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट करने के तुरंत बाद हुई है। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में समर्थन नहीं करेगी और देश में ‘‘संघवाद को ध्वस्त’’ करने के केंद्र सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करेगी।
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश पर विधेयक पेश किये जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम संघवाद को खत्म करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का निरंतर विरोध कर रहे हैं। हम विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को राज्यपालों के जरिए चलाने के केंद्र सरकार के रवैये का निरंतर विरोध कर रहे हैं। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, हम दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित अध्यादेश का समर्थन नहीं करने वाले हैं।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।